धनबाद के जज उत्तम आनंद के मर्डर केस में CBI कोर्ट ने ऑटो चालक लखन वर्मा और साथी राहुल वर्मा को दोषी करार दिया है। सजा 6 अगस्त को तय होगी। खास बात है कि जज की पहली पुण्यतिथि (28 जुलाई) को विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने दोनों को धारा 302 और 201 के तहत को दोषी करार दिया है।
28 जुलाई 2021 की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले जज को पीछे से ऑटो चालक ने टक्कर मार कर उनकी हत्या कर दी थी। मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था। बाद में कोर्ट की मॉनिटरिंग में मामले की छानबीन CBI ने शुरू की। अदालत में मामले का स्पीडी ट्रायल हुआ। पांच महीने में 58 गवाहों का बयान दर्ज किया गया था।
169 गवाहों में से 58 गवाहों की हुई थी गवाही
20 अक्टूबर 2021 को CBI ने जेल में बंद ऑटो चालक लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से CBI के विशेष लोक अभियोजक अमित जिंदल ने 169 गवाहों में से 58 गवाहों की गवाही कराई थी।
कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल चला कर महज पांच माह में ही मामले की सुनवाई पूरी कर ली। इस मामले के दो आरोपी लखन वर्मा तथा राहुल वर्मा घटना के बाद से ही न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। आरोपियों के खिलाफ 2 फरवरी, 2022 को कोर्ट में आरोप का गठन किया गया था और 7, मार्च 2022 को इस मामले में पहले गवाह की गवाही हुई थी।
अभियोजन पक्ष से CBI के विशेष लोक अभियोजक अमित जिंदल ने दो मोबाइल कंपनियों के नोडल ऑफिसर प्रभात झा और निर्भय कुमार सिन्हा के अलावा गोविंदपुर स्थित एक पेट्रोल पम्प के कर्मचारी शमशेर की गवाही कराई थी।
प्रभात झा और निर्भय कुमार सिन्हा ने अदालत को बताया कि दोनों अभियुक्त लखन वर्मा और राहुल वर्मा के मोबाइल का सेल, आइडी, कैफ और सीडीआर दिए थे। वहीं तीसरे गवाह शमशेर ने बताया कि उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया। उसने 200 रुपए का डीजल उस ऑटो में दिया था। साथ ही उसने ऑटो चालक लखन वर्मा को भी पहचान लिया।
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