कोडरमा स्टेशन पर नई दिल्ली-भुनेश्वर राजधानी ट्रेन से मजदूरोंं को उतारने के मामले में नया खुलासा हुआ है। हकीकत में ट्रेन खुलने के बाद मजदूर स्टेशन पहुंचे थे। खबर सामने आने के बाद रेलवे ने मामले की जांच की। धनबाद रेल मंडल के जनसंपर्क पदाधिकारी प्रभात मिश्रा ने सफाई देते हुए यात्रियाें के आरोप को गलत बताया।
उन्होंने कहा कि इस मामले की छानबीन में यह बात सामने आई है कि जिस समय राजधानी एक्सप्रेस खुल रही थी, दोनों यात्री अपने कोच के पास नहीं आ सके और टीटीई से उनकी कोई बात नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि यात्रियाें का ऐसा कहना कि ट्रेन में नहीं चढ़ने दिया गया, उचित प्रतीत नहीं होता है।
उल्लेखनीय है कि बरसौत (बरही ) के रहने वाले यात्री रामचंद्र यादव और अजय यादव बुधवार सुबह कोडरमा स्टेशन पर नई-दिल्ली -भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ने आए थे। यात्रियों ने आरोप लगाया था कि उनके पास कंफर्म टिकट होने के बावजूद ट्रेन के टीटीई ने उन्हें ट्रेन में नहीं चढ़ने दिया। दाेनाें यात्रियों ने इसकी शिकायत स्टेशन मास्टर के कक्ष में रखी शिकायत पुस्तिका में भी की थी।
मजदूरों ने आरोप लगाया था कि टीटीई ने उनसे कहा कि तुमलोग छोटा आदमी हो... तेरी औकात नहीं कि राजधानी जैसी VIP ट्रेन में चढ़ो! इस ट्रेन में अधिकारी रैंक और बड़े लाेग सफर करते हैं... चलाे उतराे ट्रेन से। ट्रेन से नहीं उतरे ताे 5 हजार रुपए का फाइन काट देंगे। मजदूरों ने बताया कि बुधवार सुबह 5:22 बजे काेडरमा स्टेशन पर TTE ने उन दोनों को धक्का मार कर उतार दिया। दोनों के पास कंफर्म सीट के टिकट थे और भुवनेश्वर जा रहे थे।
मजदूरों ने आरोप लगाया था कि दोनों टिकट दिखाते हुए ट्रेन से नहीं उतारने का आग्रह करते रहे, लेकिन TTE नहीं माना। इसके बाद दोनों स्टेशन मास्टर के चैंबर में पहुंचे और शिकायत पुस्तिका में पूरी घटना का जिक्र करते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराई। रामचंद्र और अजय यादव ने बताया कि वे दोनों विजयवाड़ा के नैनूर में पोकलेन ऑपरेटर का काम करते हैं। काेडरमा के स्टेशन प्रबंधक एके सिंह ने बताया कि यात्री की शिकायत सीनियर अफसरों के पास भेज दी गई है।
मजदूरों ने कहा- 3 प्रयास के बाद मिली थी कंफर्म सीट
बरही के बरसाेत गांव के रहने वाले मजदूर रामचंद्र यादव ने बताया कि वह अजय यादव के साथ भुवनेश्वर जाना था। वहां से उन्हें विजयवाड़ा और फिर नैनूर जाना था। ठंड में सफर आसान हो, इसलिए उन्होंने राजधानी ट्रेन में सीट बुक कराई। इससे पहले दो बार टिकट बुक कराया था, लेकिन सीट कंफर्म नहीं हुई। तीसरे प्रयास में 16 दिसंबर को राजधानी ट्रेन की बी-6 बाेगी में 10 व 15 नंबर की बर्थ कंफर्म हुई।
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