रांची के न्यूक्लियस मॉल में 22 जून 2019 को हुए एस्केलेटर हादसे में 12 वर्ष के पार्थिव साह की मौत मामले में सिटी एसपी की सुपरविजन रिपोर्ट तैयार हो गई है। इसमें कहा गया है कि मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल और प्रबंधक के खिलाफ आरोप सही पाए गए हैं। मॉल में सुरक्षा के उपकरण नहीं लगे थे, जिसके कारण घटना हुई। अगर सुरक्षा के सभी उपकरण लगाए गए होते तो इस तरह का हादसा नहीं होता। मालिक और प्रबंधक की लापरवाही के कारण बच्चे की जान गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में आईपीसी की धारा 287, 304 (ए) 34 के तहत केस दर्ज किया गया था। अब तक की जांच में आए तथ्यों से यह साफ हो गया है कि मौत के लिए ये दोनों जिम्मेदार हैं। इसलिए अनुसंधानकर्ता प्राथमिक अभियुक्त विष्णु अग्रवाल और प्रबंधक के नाम-पते का सत्यापन कर उनकी गिरफ्तारी और कुर्की की कार्रवाई करें।
ब्रिजफोर्ड स्कूल में छठी कक्षा का छात्र पार्थिव 22 जून 2019 को अपनी बुआ और परिवार के सदस्यों के साथ मॉल घूमने गया था। वह फर्स्ट फ्लोर पर एस्केलेटर से सटे लोहे की रेलिंग पर पैर रखकर परिवार के सदस्यों से बात कर रहा था। तभी उसका बायां हाथ एस्केलेटर की रेलिंग से सटा और वह उलझकर नीचे की ओर खिंचने लगे।
उसने बचने की काफी कोशिश की, लेकिन एस्केलेटर से उलझकर करीब 30 फीट नीचे लोअर ग्राउंड फ्लोर पर गिर गया। इससे उसका सिर जमीन पर टकराया। मॉल में प्राथमिक उपचार की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। उसे तुरंत ऑर्किड अस्पताल ले जाया गया, जहां 10 मिनट के भीतर ही उसकी मौत हो गई।
हादसे के बाद जांच में मिली थीिं कई कमियां
हादसे के बाद कमेटी ने एस्केलेटर और अन्य सुरक्षा उपायों की जांच की तो कई खामियां मिलीं। मॉल का एस्केलेटर निबंधित नहीं था, जो झारखंड लिफ्ट एंड एस्केलेटर अधिनियम-2017 की धारा 4 का उल्लंघन है। प्रबंधन ने एस्केलेटर की थर्ड पार्टी बीमा का पेपर भी पेश नहीं किया था। इसके बाद प्रबंधन पर 50 हजार का जुर्माना लगा था।
ये सुझाव दिए गए थे
मॉल में पैसेंजर फॉल प्रोटेक्शन बैरियर व सेफ्टी नेट लगाया जाए एस्केलेटर के पास स्थित सभी दुकानों को तत्काल हटाया जाए एस्केलेटर के दोनों छोर पर वेटिंग स्पेस उपलब्ध कराया जाए इसके बाद इनमें से कई सुझावों पर अमल किया गया था।
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