झारखंड की वरिष्ठ आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनसे जुड़े सत्ता के करीबी लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में अब तक 20 से अधिक शेल कंपनियों के बारे में भी जानकारी मिली है। इनके जरिए विभिन्न तरीकों से आने वाले पैसे खपाए जा रहे थे। अब इन सभी कंपनियों की सघनता से जांच की जा रही है। शेल कंपनियों का खुलासा होने के बाद कोलकाता के दंपती रौनक अग्रवाल व प्राची अग्रवाल ईडी के निशाने पर हैं। संदेह है कि यही दोनों शेल कंपनियों का संचालन करते हैं।
विश्वस्त सूत्रों की ओर से दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) भी मनरेगा घोटाले की जांच कर सकती है। ईडी ने सीबीआई मुख्यालय को इस संबंध में पत्र लिखकर जांच करने की अनुशंसा की है। पत्र में ईडी ने लिखा है कि सीबीआई इसकी जांच करे तो कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। क्योंकि पूजा सिंघल और उनके सहयोगियों के यहां दो दिन तक चली ईडी की छापेमारी में यह संकेत मिले हैं कि खान सचिव ने कई जिलों में डीसी रहने के दौरान कई अनियमितताएं की हैं। उन्होंने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की हैं। पूजा सिंघल के मामले में भ्रष्टाचार के एंगल से भी जांचने की जरूरत है। सूत्रों का कहना है कि ईडी की अनुशंसा के बाद जल्दी ही मनरेगा घोटाले की जांच में सीबीआई की एंट्री हो सकती है। इससे घोटाले का पूरा सच सामने आ जाएगा।
ईडी ने शनिवार को पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार सिंह को हिरासत में लिया। उनसे बूटी के हनुमान नगर आवास से मिले 19.31 करोड़ रुपए के स्रोतों की जानकारी मांगी, लेकिन वे कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी अब पूजा को भी समन जारी करेगी। उनसे बरामद दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करेगी।
खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले तथा अवैध माइंस आवंटन से जुड़े केस में खान सचिव पूजा सिंघल और उनके सहयोगियों के पांच राज्यों में 25 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी शनिवार को खत्म हो गई। ईडी ने दूसरे दिन भी बरियातू स्थित पल्स अस्पताल को खंगाला। यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले।
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