रांची में किसानों संगठन ने सरकार कॉरपोरेट घराने के इशारे पर किसानों की जमीन लूटने का आरोप लगाते हुए राजभवन तक मार्च निकाला। किसान संगठनों ने कहा कि आंदोलन अभी जारी रहेगा
रांची में किसान संघर्ष समन्वय समिति एवं श्रमिक संगठनों की ओर से मार्च निकाला गया। किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने के मौके पर किसानों ने कहा, अभी हमारी कई मांगे बाकि हैं। रांची के जिला स्कूल से यह मार्च निकला जो राजभवन तक गया। यहां लोगों ने अपनी बात रखी।
शहीदों को दी गयी श्रद्धांजलि
किसान संगठनों के इस राजभवन मार्च में पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन के संयुक्त सचिव विक्रम सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के कामरेड पीके पांडे सहित कई लोग शामिल थे। भाकपा माले नेता भुवनेश्वर केवट के द्वारा संविधान पढ़ा कर संविधान की शपथ ली गई। वहीं शहीद किसानों को याद करते हुए एक मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी।
संविधान के दम पर जीती जा सकती है हक की लड़ाई
भुवनेश्वर केवट ने कहा, देशव्यापी किसान आंदोलन के आज एक साल पूरे हो गये। इस आंदोलन के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा था। संविधान हमारी ताकत है, इसके दम पर हम किसी से भी हक की लड़ाई जीत सकते हैं। संविधान के बल पर ही हम हर मांग सरकार से पूरी करायेंगे। दूसरे संबोधन में भी नेताओं ने जमीन बचाने, किसानों की रक्षा करने की बात कही है।
किसानो की मांग क्या है
राजभवन मार्च के साथ- साथ किसानों ने जिन मांगों को सामने रखा उनमें मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून बनाने की मांग, बिजली बिल 2020 वापस लेने की अपील, सुखाड़ घोषित क्षेत्रों में अविलंब पहुंचे मदद, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू कराया जाए, बंदोबस्त गैरमजरूआ जमीन की रसीद चालू कराया जाए, धान के क्रय केंद्र अविलंब खोलते हुए केरल के रूप में 2850 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीद की जाए, इसके साथ किसानों की कई मांग है।
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