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कृषि बिल के खिलाफ शनिवार को रांची के अलग-अलग हिस्सों में वाम दल के नेतृत्व में विभिन्न विपक्षी दलों ने जक्का जाम किया। बूंटी मोड़ में प्रदर्शनकारी बीच सड़क पर ही बैठ गए। नतीजा बोकारो, हजारीबाग और पटना से रांची आने वाली गाड़ियों में ढाई घंटे तक ब्रेक लग गया। न तो गाड़ियों को शहर में एंट्री मिली न बाहर जाने दिया गया। इसके बाद भी एंबुलेंस पर ब्रेक नहीं लगने दिया गया। करीब ढाई घंटे में लगभग 18 एंबुलेंस चक्का जाम से निकली।
पुलिस कर्मियों के साथ ही प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता भी आगे बढ़कर एंबुलेस को भीड़ से निकाला। ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। एंबुलेंस के अलावा डॉक्टर, बच्चों को लेकर आ रही महिलाओं को भी भीड़ से बाहर जाने से नहीं रोका।
खूब हुई नोक-झोंक
इस दौरान प्रदर्शनकारी और आम आदमी के बीच खूब नोक-झोंक भी हुई। एक युवक आगे आकर जब रास्ता खाली कराने लगा तब स्थिति पूरी तरह बिगड़ने लगी। लेकिन पुलिस के बीच-बचाव के बाद मामले को शांत कराया गया। युवक लोगों को सड़क से हटने की मांग कर रहा था। वो लोगों के लिए रास्ते क मांग कर रहा था। उसने कहा कि आपलगों को लोगों की परेशानी नहीं दिख रही। इतना लंबा जाम लग गया है। इतने में प्रदर्शनकारी भड़क गए।
दर्जनों लोगों की ट्रेनें छूटी
रामगढ़ के एक परिवार को 1.30 बजे रांची स्टेशन पहुंचना था। लेकिन प्रदर्शन के कारण बुटी मोड़ के दोनों किनारे लंबा जाम लग गय था। इसके कारण उन्हें जुमार पुल से पहले ही उतार दिया गया था। पैदल वह स्टेशन तक नहीं पहुंच पाईं। 12 से 2.30 बजे के बीच जब प्रदर्शन जारी था, उस दौरान रांची से तीन ट्रेन रवाना हुई। इस दौरान दो अहम ट्रेन रांची स्टेशन से खुली। इसमें शताब्दी एक्सप्रेस और जन शताब्दी एक्सप्रेस शामिल हैं। रांची मंडल के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि पटना के लिए ये ट्रेनें बहुत अहम हैं, हर रोज एक हजार से ज्यादा यात्री इन ट्रेनों से यात्रा करते हैं।
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