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भ्रष्टता की हद:राज्य में आयुष्मान भारत योजना के 36,373 लाभार्थियों से हुई धोखाधड़ी, निजी अस्पतालों में लेनदेन के 25 हजार मामले फर्जी

रांची10 महीने पहलेलेखक: पवन कुमार
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राज्य में आयुष्मान भारत योजना के 36,373 लाभार्थियों से  धोखाधड़ी हुई। - Dainik Bhaskar
राज्य में आयुष्मान भारत योजना के 36,373 लाभार्थियों से धोखाधड़ी हुई।

आयुष्मान योजना के साथ झारखंड का कीर्तिमान जुड़ा है। 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची से ही देशभर में आयुष्मान योजना लॉन्च की थी। और अब इसी योजना से भ्रष्टाचार में भी झारखंड की कीर्ति जुड़ गई है। आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़ा में झारखंड देशभर में नंबर-1 बन गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसके अनुसार झारखंड के निजी अस्पतालों ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है।

यहां कागजों में मरीजों का इलाज किया गया और सरकार से पैसे ले लिए गए। अस्पतालों के लेनदेन के 24,449 फर्जी मामले और 36,373 लाभार्थियों से धोखाधड़ी रिकॉर्ड किए गए हैं। 67 दोषी अस्पतालों पर 8.06 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिनमें से 87.64 लाख रुपये अब तक वसूल किए गए हैं। वहीं, राज्य में 39 निजी अस्पतालों को धोखाधड़ी व अनैतिक प्रैक्टिस में उनकी भागीदारी के लिए पैनल से हटा दिया गया है।

कैसे-कैसे फर्जीवाड़े }सरकारी की जगह निजी अस्पतालों में कर रहे थे ऑपरेशन

1. ड्यूटी ऑवर में प्रैक्टिस - कई सरकारी डॉक्टर ड्यूटी ऑवर में ही प्राइवेट प्रैक्टिस करते मिले हैं। यह खुलासा तब हुआ जब इन्होंने ड्यूटी ऑवर में ही निजी अस्पतालों में मरीजों की सर्जरी-इलाज कर आयुष्मान से लाखों का क्लेम ले लिया। पहले चरण में बोकारो के ऐसे आठ डॉक्टरों को चिह्नित किया गया है।

2. जबरन ऑपरेशन - जबरन ऑपरेशन कर गर्भाशय निकालने के मामले सामने आए हैं। कई निजी अस्पताल गर्भाशय निकालकर उसका क्लेम दूसरी बीमारियों के लिए कर दे रहे हैं। गिरिडीह के क्रस्ट केयर हॉस्पिटल में महिलाओं का गर्भाशय निकाला गया, क्लेम में पाइल्स के इलाज का दावा किया गया।

स्वास्थ्य मंत्री बोले- राज्य सरकार फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही
^सरकार ऐसा फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। कई अस्पतालों की संबद्धता रद्द की जा रही है। साथ ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो रही है। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कई और कदम उठाए जा रहे हैं। जल्द ही ऐसी धोखाधड़ी करने वाले कम हो जाएंगे।

-बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री

निजी अस्पतालों पर नजर, चिन्हित हो रहे डॉक्टर
^सरकारी डॉक्टर अपने निजी अस्पताल में मरीजों का ऑपरेशन करते हैं और आयुष्मान से पैसे लेते हैं। ऐसे डॉक्टर चिह्नित होंगे। निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह, कार्यकारी निदेशक, स्टेट आरोग्य सोसाइटी