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केरल की तर्ज पर 400 रुपए प्रतिदिन मानदेय लागू करने की मांग को लेकर सोमवार को राज्यभर की लगभग 1 हजार से ज्यादा रसोइया रांची पहुंची। ये मोरहाबादी मैदान से कांके रोड स्थित CM आवास कूच कर रहीं हैं। नारेबाजी करते हुए ये मोरहाबादी मैदान से कतारबद्ध होकर निकल गई हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से इन्हें रोकने की तैयारी भी कर ली गई है। मोरहाबादी मैदान से कांके रोड तक हर चौक पुलिस की तैनाती के साथ घेराबंदी की गई है। इन्हें राजभवन स्थित जाकिर हुसैन पार्क तक जाने की अनुमति दी गई है।
अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर रांची पहुंचीं रसोइयों की मुख्य मांग है कि झारखंड में भी केरल की तर्ज पर रसोइयों का मानदेय लागू किया जाए। सभी रसोइया व संयोजिकाओं को 400 रुपए प्रतिदिन मजदूरी लागू किया जाए। रसोइया संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत प्रजापति ने बताया कि पिछले 16 साल से रसोइया व संयोजिका सरकारी स्कूलों में रसोइया का काम कर रही हैं। रसोइया को आज भी मात्र 42 रुपए भुगतान किया जा रहा है। वहीं संयोजिका से मुफ्त में काम लिया जा रहा है। रसोइया संघ रसोइया के लिए न्यूनतम वेतन मान लागू करने की मांग कर रहे हैं।
15 वर्ष के बाद काम से हटाए गए रसोइयों को वापस काम पर लिया जाए
इसके अलावा इनकी की मांग है कि काम से हटाए गए रसोइयों को वापस काम पर रखा जाए। इनका कहना है कि 2016 में तत्कालीन शिक्षा सचिव अराधना पटनायक ने सभी को वापस काम पर रखने का आदेश जारी किया था। इसके 5 साल बीत जाने के बाद भी इन्हें अभी तक काम पर वापस नहीं रखा गया है।
क्या है मुख्य मांगें
1. संयोजिकाओं को भी रसोइया की तरह मानदेय लागू किया जाए।
2. वर्षों से काम कर रही रसोइया-संयोजिका को नियुक्ति पत्र जारी कर स्थायी किया जाए।
3. रसोइया का मानदेय 10 माह की जगह 12 माह के लिए किया जाए।
4. विद्यालय के मध्याह्न भोजन के संचालन व सामान की खरीदारी करने जिम्मेदारी नियमानुसार संयोजिका को दी जाए।
5. 8 महीने से रसोइयों के बकाया मानदेय का भुगतान किया जाए।
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