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हाईकाेर्ट ने जेपीएससी द्वारा 647 सहायक अभियंताओं की नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन काे गैरकानूनी बताते हुए रद्द कर दिया। जस्टिस एके द्विवेदी की काेर्ट ने गुरुवार काे कहा कि वर्ष 2019 से पहले की नियुक्तियाें में आर्थिक रूप से कमजाेर सवर्णाें काे 10 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। क्याेंकि राज्य में फरवरी 2019 में सवर्णाें काे नियुक्ति में 10 फीसदी आरक्षण देने की अधिसूचना जारी हुई थी। काेर्ट ने इस मामले में 14 दिसंबर 2020 काे फैसला सुरक्षित रख लिया था।
नियुक्ति की मेंस परीक्षा से एक दिन पहले काेर्ट का फैसला आने के बाद जेपीएससी ने भी परीक्षा स्थगित कर दी है। इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी है। उधर, परीक्षा देने के लिए पीटी पास कर चुके सैकड़ाें अभ्यर्थी गुरुवार काे ही रांची पहुंच चुके हैं। जेपीएससी ने भी पूरी तैयारी कर ली थी। प्रश्न पत्र भी ट्रेजरी काे भेज दिया गया था।
संशाेधित अधियाचना भेजने का भी दिया निर्देश
हाईकाेर्ट ने सरकार काे 50 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजाेर सवर्णाें काे 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने के लिए अलग-अलग विज्ञापन निकालने का आदेश दिया है। काेर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार की सवर्णाें काे आरक्षण देने की अधिसूचना से पहले की रिक्तियाें में 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान हाेगा। अधिसूचना के बाद की रिक्तियाें में 60 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जा सकता है। काेर्ट ने सरकार काे संशाेधित अधियाचना जेपीएससी काे भेजने और उसके अनुसार ही जेपीएससी काे फिर से विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है।
जेपीएससी के तर्क काे काेर्ट ने नहीं माना
जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार को पावर है कि पदाें को कैसे भरना है। सरकार से मिली अधियाचना के आधार पर ही पीटी ली गई थी। उसके बाद अब मेंस की परीक्षा की तैयारी की जा चुकी है। लेकिन कोर्ट ने जेपीएससी के दलील को मानने से इनकार कर दिया।
सवर्ण आरक्षण काे दी गई थी चुनाैती
इस संबंध में रंजीत कुमार और अन्य ने याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि यह नियुक्ति वर्ष 2015 से 2019 तक के रिक्त पदाें के लिए है। केंद्र ने 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णाें के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था। इसलिए 2019 से पहले की रिक्तियाें में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्याेंकि उस समय आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी ही थी। जबकि राज्य सरकार ने विज्ञापन में 60 फीसदी आरक्षण की बात कही है।
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