धनबाद के आशीर्वाद अपार्टमेंट और हाजरा क्लिनिक में आग लगने की घटनाओं पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने इन मामलों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को फायर सेफ्टी ऑडिट कराकर चार महीने में रिपोर्ट देने को कहा है। गुरुवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई।
कोर्ट ने दुख जताते हुए कहा कि यह दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जांच होनी चाहिए। ऐसे हादसे दोबारा न हो, इस पर राज्य सरकार को सजग रहना होगा। कोर्ट ने नगर विकास विभाग के सचिव को रिपोर्ट देने को कहा है। पूछा है कि अपार्टमेंट और भवनों में फायर सेफ्टी के लिए क्या गाइडलाइन है।
बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक नक्शे पास हो रहे हैं या नहीं। उसमें फायर सेफ्टी रूल्स का पालन हो रहा है या नहीं। इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो, इसके लिए राज्य सरकार गंभीर है। राज्य के सभी जिलों के डीसी और एसपी को फायर सेफ्टी से जुड़े मानकों की समीक्षा करने और सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है। अब इस मामले की 17 फरवरी को सुनवाई होगी।
कोर्ट बोला-हादसा दुर्भाग्यपूर्ण, सजग रहें, दोबारा ऐसा न हो...
1. राज्य में अपार्टमेंट और भवनों में फायर सेफ्टी के लिए क्या गाइडलाइन है? 2.बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक भवनों के नक्शे पास हो रहे हैं या नहीं? 3.भवनों में फायर सेफ्टी कानूनों का पूरी तरह से पालन हो रहा है या नहीं? 4.ऐसी घटनाएं दोबारा न हो, इसके लिए राज्य सरकार सजग रहे।
महाधिवक्ता बोले-2 कमेटियां कर रही जांच, 4 दिन में रिपोर्ट
1. आशीर्वाद टावर में आग लगने की घटना की जांच के लिए धनबाद डीसी ने दो कमेटियां बनाई हैं। यह 4 दिन में रिपोर्ट देगी। 2.एक कमेटी आग लगने के कारणों की जांच करेगी। देखेगी कि वहां फायर सेफ्टी रूल्स का पालन हो रहा था या नहीं। 3.दूसरी कमेटी जांचेगी कि आग से उस भवन का स्ट्रक्चर तो डैमेज नहीं हुआ।
प्लाईवुड की फॉल्स सीलिंग के कारण इतनी तेजी से भड़की आग
अग्निशमन विभाग और फॉरेंसिक जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। अग्निशमन विभाग ने जांच में पाया कि आशीर्वाद अपार्टमेंट में फायर फायटिंग की व्यवस्था थी। इसके लिए एनओसी भी लिया गया था। लेकिन फायर फायटिंग सिस्टम दुरुस्त नहीं था। जिस समय आग लगी, उस समय उसके वाटर टैंक में पानी ही नहीं था। इसी वजह से दूसरे तल्ले पर लगी आग पर काबू नहीं पाया जा सका और वह भयावह रूप लेती चली गई।
इसमें 14 लोगों की मौत हो गई। वहीं फॉरेंसिंक टीम ने पाया कि सबसे पहले जिस फ्लैट में आग लगी थी, उसमें प्लाईवुड की फॉल्स सीलिंग का इंटीरियर डेकोरेशन था। इसी वजह से आग इतनी तेजी से भड़की। दोनों विभाग अब सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। उधर, अपार्टमेंट की साफ-सफाई चल रही है। वायरिंग जल जाने से अब तक बिजली व्यवस्था बहाल नहीं हुई है।
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