झारखंड में ऑपरेशन 'ऑक्टोपस' सफल:बूढ़ा पहाड़ से हो रहा है नक्सलियों का खात्मा, जहां थे नक्सली कैंप अब सुरक्षा बलों का दबदबा

रांची4 महीने पहले
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झारखंड में ऑपरेशन 'ऑक्टोपस' सफल - Dainik Bhaskar
झारखंड में ऑपरेशन 'ऑक्टोपस' सफल

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा है अभियान 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' सफल हो रहा है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और झारखंड सरकार द्वारा मिलकर चलाये जा रहे इस अभियान में अब तक कई हार्डकोर नक्सली, नक्सलियों के कैंप, भारी मात्रा में हथियार, बम बनाने का सामान और विस्फोट की कई खेप मिली है।
नक्सली कैंप ध्वस्त अब सुरक्षा बल कर रहे हैं कैंप
बूढ़ा पहाड़ एक वक्त नक्सल कॉरिडोर के नाम से अपनी पहचान रखता था। ज बूढ़ा पहाड़ अपनी पहचान बदल रहा है। सुरक्षा बल लंबे समय से इस इलाके में सर्च अभियान चला रहे हैं। दूर दराज गांवों को विकास के रास्ते से झारखंड सरकार जोड़ने की पहल कर रही है। कई गांवों में बिजली पहुंच रही है। सुरक्षा बल ऐसे इलाकों में कैंप कर रहे हैं जहां कभी नक्सलियों का दबदबा था।

बम बनाने का सामान बरामद
बम बनाने का सामान बरामद

सितंबर में शुरू हुआ था अभियान
पुलिस महा निरीक्षक अमित कुमार ने इस अभियान के सफल होने का जिक्र करते हुए कहा है कि ऑपरेशन ऑक्टोपस' सीआरपीएफ और झारखंड द्वारा शुरू किया गया है। झारखंड जगुआर (झारखंड का एक विशेष कार्य बल ) जो इस काम में सीआरपीएफ के साथ लगा है। झारखंड पुलिस, इस साल सितंबर में नक्सलियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ पर पूरी तरह कब्जा करने में सफल रहा।

नक्सली इस रास्ते का लंबे समय से कर रहे हैं इस्तेमाल

अभियान की सफलता का जिक्र करते हए उन्होंने आगे कहा, अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक हम क्षेत्र में नक्सली ढांचे को पूरी तरह से खत्म नहीं कर देते। बूढ़ा पहाड़' पहाड़ी वन क्षेत्र तीन राज्यों - छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार की सीमा से लगे 55 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।नक्सली लंबे समय से इसे कॉरिडोर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, दूसरे राज्यों में प्रवेश करने का यही रास्ता है। यह पूरी तरह से जंगलों से घिरा है, इसलिए भी नक्सली इसे सुरक्षित मानते थे। अब हालात बदल रहे हैं।

बूढ़ा पहाड़
बूढ़ा पहाड़

पहले भी हुआ था प्रयास पर सफलता नहीं मिली

नक्सलीअरविंद के नेतृत्व में यह इलाका नक्सलियों का गढ़ था। इस क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त कराने के प्रयास पहले भी हुए, साल 2008 में, जब सुरक्षा बल ने पहाड़ी वन सीमा में घुसने की कोशिश की थी, तो पांच सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी। इस बार पुलिसकर्मियों को सफलता मिल रही है। आईजी अमित कुमार ने कहा कि 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' को सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर ने अंजाम दिया और उन्होंने बिहार के औरंगाबाद में चार कैंप बनाए।

भारी मात्रा में हथियार और बम बरामद
भारी मात्रा में हथियार और बम बरामद

जंगलों में रखे आईईडी को निष्क्रिय कर रहे हैं सुरक्षा में तैनात जवान
अभियान 4 सितंबर को शुरू किया गया था और सुरक्षा बल ने 7 सितंबर को बूढ़ा पहाड़ पर कब्जा कर लिया था। आईजी कुमार ने कहा, "ऑपरेशन का दूसरा चरण सितंबर में आयोजित किया गया था, जहां क्षेत्र में 4 शिविर स्थापित किए गए थे। हमारे सुरक्षा में तैनात जवान इलाके को साफ कर रहे हैं और आईईडी को निष्क्रिय कर रहे हैं। नक्सलियों के हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए जा रहे हैं। जंगलों में नक्सलियों ने कई जगहों पर लैंड माइंस लगा रखा है। हम धीरे- धीरे उस पर भी काबू पा रहे हैं