रांची में कोविड के 90% नए केसेस ओमिक्रॉन के हैं। रांची के राज हॉस्पिटल के 6 डॉक्टरों की टीम ने हालिया 10 दिनों में 250 मरीजों की स्टडी के आधार पर इसका खुलासा किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जांच के अभाव में हम इसे नजर अंदाज कर रहे हैं जबकि मरीजों में सभी लक्षण वही हैं जो महाराष्ट्र और दिल्ली में पाए गए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीजों में मिले हैं।
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन के मरीजों में भी वही लक्षण मिल रहे हैं जो कोविड के दूसरी लहर के वैरिएंट डेल्टा के दौरान पाए गए थे। फीवर,बदन दर्द, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी सामान है। साथ ही सर्दी, खांसी और सिर दर्द भी इसके लक्षण हैं। इसके अलावा नए वैरिएंट दो और लक्षण उभर कर सामने आए हैं। इसमें संक्रमित मरीजों को वोमिटिंग होने के साथ भूख भी मिटती जा रही है।
मरीजों की स्थिति सामान्य, मृत्यु दर बेहद कम
स्टडी में यह बात सामने आई है कि इसमें मरीजों की स्थिति सामान्य बनी रह रही है। मृत्यु दर भी बेहद कम है। मरीज पैरासिटामोल की सामान्य दवा की ट्रिटमैंट में भी तीन दिन में ठीक हो जा रहे हैं। एक खास बात यह भी निकल कर सामने आ रही है कि डेल्टा वैरिएंट की तरह यह लंग्स को प्रभावित नहीं कर रहा है। इसमें तुरंत एंटीबॉडी डेवलप हो जा रहे हैं।
RTPCR जांच स्टैंडर्ड मानक, घबराने की जरूरत नहीं
डॉक्टरों की टीम ने कहा है सामान्य होने के बाद भी इसमें भी सतर्कता उतनी ही जरूरी है जितनी कोविड के डेल्टा वैरिएंट में थी। इसका मैनेजमेंट भी ठीक उसी की तर्ज पर आइसोलेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के आधार पर करना है। इसकी जांच के लिए RT-PCR अभी एक सामान्य और स्टैंडर्ड मानक है। उन्होंने लोगों से घबराने की बजाए डॉक्टर से संपर्क कर तुरंत इसका ट्रीटमेंट शुरू करने की अपील की है।
बीमार व बुजुर्ग व्यक्ति के लिए हो सकता है खतरनाक
डॉक्टर की टीम ने बीमार व्यक्तियों के लिए इसे खतरनाक बताया है। जो पहले से ही अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे हैं उनके लिए यह वैरिएंट भी खतरनाक हो सकता है। अगर बुजुर्ग व्यक्ति संक्रमित होते हैं तो उनके लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
रांची में 2217 एक्टिव मरीज
रांची की पॉजिटिविटी रेट 11.32% तक पहुंच गई है। रांची में पिछले 24 घंटे में राज्य भर में सबसे अधिक 615 केसेस मिले हैं। वहीं 49 लोगों ने कोरोना को मात दी है। इसके साथ ही रांची में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 2217 हो गई है।
इन्होंने तैयार की है रिपोर्ट
रांची के राज हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, डॉ. मोहिब अहमद, डॉ. एके अग्रवाल, डॉ. नीलम, डॉ. श्याम और डॉ. बिरेंद्र कुमार की टीम ने गहन अध्ययन के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया है।
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