धनबाद के चिरकुंडा से आए एक मरीज ने RIMS के डॉक्टर पर बड़ा आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही से उनके बेटे की जान गई है। बेटे की मौत के बाद परिजनों ने RIMS में जमकर हंगामा किया है।
मरीज आनंद विश्वकर्मा को 2 अगस्त को RIMS के यूरोलॉजी विभाग भर्ती कराया गया था। उन्हें किडनी में समस्या थी। चिकित्सक मरीज का इलाज कर रहे थे, लेकिन परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण अनांद की मौत हो गई।
मृतक के पिता वासुदेव दास ने बताया कि बेटे के इलाज के लिए उन्होंने अपना घर गिरवी रख दिया है। बैंक से कर्ज लेकर अपने बेटे का इलाज करवाने के लिए बेंगलुरु, कोलकाता और फिर रांची RIMS लाये, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी जान नहीं बचाई।
मृतक की बहन प्रिया नंदिनी ने बताया कि डॉक्टर ने 8 यूनिट ब्लड का इंतजाम करने के लिए कहा। एक यूनिट अपना ब्लड दिया। बूढ़े मां-बाप ने भी ब्लड दिया। इसके बाद भी खून कम पड़ गया। उन्होंने कहा कि RIMS के ही एक कर्मचारी ने ही एक व्यक्ति का नंबर दिया। कॉल करने पर उस व्यक्ति ने एक यूनिट ब्लड के लिए 8 हजार रुपए की मांग की।
डॉक्टर ने कहा- गलत आरोप लगा रहे हैं परिजन
मृतक के परिजनों ने RIMS के यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सक डॉ अरशद जमाल और डॉ राणा प्रताप सिंह पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं, इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ राणा प्रताप सिंह ने कहा कि परिजनों का आरोप पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा, 'हम लोगों ने मरीज का इलाज करते हुए जान बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन हम उन्हें बचा नहीं सके। इसका हमें दुख है।'
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