रिम्स के कार्डियोथोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) के डॉक्टरों के बीच ठनी हुई है। मरीजों से पैसे लेने के आरोप-प्रत्यारोप के बीच थाना-पुलिस से अब मामला मूंछ की लड़ाई में बदल गया है। डॉक्टरों की इस लड़ाई में 15 से ज्यादा गंभीर हृदय मरीजों की सांसें अटकी हुई हैं। तीन माह से वे ऑपरेशन के इंतजार में हैं।
बता दें कि कुछ दिन पूर्व एचओडी डॉ. विनीत महाजन ने बरियातू थाने में डॉ. अंशुल कुमार पर मरीजों से इलाज के एवज में पैसे लेने का आरोप लगाया था। जांच कमेटी भी बनी थी, जिसमें मरीज ने डॉ. अंशुल को पैसे देने की बात स्वीकार की थी। लेकिन आरोप के बाद डॉ. अंशुल ने भी उसी रोगी का लिखा आवेदन प्रबंधन को सौंपा, जिसमें वह पैसे देने की बात से मुकर गया। उसने बताया था कि मुझसे दबाव में पैसे लेने की बात बोलने को कहा गया था। इधर, मरीजों और उनके परिजनों ने बताया कि बार-बार आग्रह करने के बाद भी कोई तारीख नहीं बताई जा रही है। जान सांसत में है। क्या करें, क्या नहीं, समझ में नहीं आ रहा है।
मरीजों ने सुनाई अपनी पीड़ा
चतरा की भैरवी बोली- 3 जून से भर्ती हूं- मैं रिम्स में 3 जून से भर्ती हूं। वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए सीटीवीएस विभाग में एचओडी डॉ. विनित महाजन की देखरेख में भर्ती हुई थी। लेकिन 3 माह बाद भी ऑपरेशन नहीं हुआ है। कहीं ऑपरेशन से पहले ही मौत ही न हो जाए।-भैरवी
डॉक्टर लड़ रहे, हम भुगत रहे-शिवनाथ
3 जून से बाइपास सर्जरी के लिए भर्ती हूं। डॉक्टर आपस में लड़ रहे हैं, इसलिए ऑपरेशन नहीं हो रहा है। अब तक समय नही दिया गया है। लग रहा है नहीं बच सकूंगा।-शिवनाथ
अपर निदेशक ने कहा- अधिकृत डॉक्टर को भी सर्जरी से रोका जा रहा
रिम्स के अपर निदेशक चंदन कुमार ने इस विवाद पर अपनी रिपोर्ट रिम्स निदेशक को सौंप दी है। बताया कि जिस मरीज के ऑपरेशन के लिए डॉ. राकेश चौधरी को अधिकृत किया गया था, उन्हें खुद सर्जरी करने की बात कहकर डॉ. विनीत ने मना कर दिया। 10 दिन बाद भी अब तक उसकी सर्जरी नहीं हाे सकी है।
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