मगध आम्रपाली काेल परियाेजना से टेरर फंडिंग मामले में एनआईए काे भराेसा था कि आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसाेर्सेज लिमिटेड के पूर्व एमडी महेश अग्रवाल सहित अन्य दाे आराेपियाें काे हाईकाेर्ट से राहत मिलने गुंजाइश कम है। ऐसे में एनआईए की टीम पहले से ही महेश अग्रवाल की गतिविधियाें पर नजर रख रही थी।
मंगलवार दाेपहर जैसे ही एनआईए काे पता चला कि हाईकाेर्ट ने आराेपियाें काे राहत देने से इनकार कर दिया है, ताे उसकी गिरफ्तारी की रणनीति तैयार की गई। एनआईए काे पुख्ता जानकारी थी कि महेश काेलकाता में ही है। लेकिन जिस वक्त काेर्ट का फैसला आया, उस वक्त वह काेलकाता के भवानीपुर स्थित आवास पर नहीं था। एनआईए की टीम उसके घर के आसपास सादे लिबास में नजर रखे हुए थी। शाम साढ़े छह बजे के आसपास एनआईए टीम काे पता चला कि महेश अग्रवाल घर पहुंच चुका है।
सूचना की कई स्तर पर पुष्टि के बाद एनआईए की टीम ने उसके घर पर दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसकी गिरफ्तारी की बात काे एनआईए ने छुपाए रखा। लेकिन देर शाम एनआईए की सीनियर पीआरओ ने इसकी पुष्टि की। उन्हाेंने बताया कि काेलकाता से शाम 6.30 बजे महेश अग्रवाल काे गिरफ्तार किया गया है। टीम उससे काेलकाता में ही पूछताछ कर रही है। उसे पूछताछ के लिए रांची भी लाया जा सकता है।
उग्रवादियों पर लगाई जाने वाली धाराएं लग सकती हैं
एनआईए ने आधुनिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी महेश अग्रवाल, वीकेवी कंपनी के विनीत अग्रवाल व सोनू अग्रवाल के खिलाफ जांच कर रही है। इस मामले की तफ्तीश पहले झारखंड पुलिस कर रही थी, लेकिन जब मामला टेरर फंडिंग से जुड़ा तो एनआईए ने 2018 में केस को टेकओवर किया। सूत्रों का कहना है कि एनआईए अब जल्द ही इस मामले में विशेष कोर्ट में तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर सकती है। एनआईए उग्रवादियों पर लगाई जाने वाली धाराएं इन तीनों पर लगा सकती है। अब तीनों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है।
महेश अग्रवाल ने केस खत्म करने के लिए हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
हाईकोर्ट ने एनआईए द्वारा की जा रही जांच व कार्रवाई पर रोक से इनकार करते हुए महेश अग्रवाल, विनीत अग्रवाल व सोनू अग्रवाल की याचिका को खारिज कर दिया। मंगलवार काे चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि एनआईए की जांच सही दिशा में है। इसलिए सभी स्टेट ऑर्डर काे रद्द किया जाता है। इन्होंने अपने ऊपर लगाए गए केस को रद्द करने की मांग की थी।
क्या है तीनों कारोबारियों पर आरोप
चतरा में आम्रपाली-मधग कोल परियोजना शुरू होने के बाद उग्रवादी आक्रमण द्वारा एक शांति समिति बनाई गई थी। यह समिति अलग-अलग गांवों के हिसाब से ट्रांसपोर्टरों से प्रति टन 240 रुपए लेती थीं। महेश अग्रवाल, विनीत अग्रवाल व सोनू ने उग्रवादी से संपर्क कर अपने कारोबार को चलाने के लिए पैसे दिए। लोडिंग एवं खनन के लिए कार्य कर रही कंपनियों पर नक्सली संगठनों को आर्थिक मदद पहुंचाने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए कर रही है।
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