झारखंड की केंद्र से अपील, जल्द चुकायें बकाया:रामेश्वर उरांव ने केंद्रीय वित्त मंत्री से की अपील, अवैध खनन, केंद्र का बकाया बड़ी समस्या

रांची4 महीने पहले
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झारखंड की केंद्र से अपील, जल्द चुकायें बकाया - Dainik Bhaskar
झारखंड की केंद्र से अपील, जल्द चुकायें बकाया

झारखंड ने केंद्र के सामने अपनी समस्याएं रखी हैं। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने दिल्ली में प्री-बजट बैठक के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने झारखंड की मांग रखी। रामेश्वर उरांव ने राज्य में सूखे की स्थिति, बढ़ते प्रदूषण, जीएसटी से भविष्य में राज्य को आने वाली समस्याएं और केंद्र के बकाये का जिक्र किया है।

किसानो ंकी मदद केलिए मांगा केंद्र से सहयोग
रामेश्वर उरांव ने किसानों की मदद के लिए केंद्र से सहयोग मांगा है। साथ ही यह जानकारी भी दी है कि कोयला पीएसयू द्वारा 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया मिले। जीएसटी मुआवजा अवधि के विस्तार की भी वित्त मंत्री ने मांग की है। वित्त मंत्री ने कहा, मुआवजा भुगतान प्रणाली जुलाई 2022 में समाप्त हो रही है, हमारे राज्य को 4,500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। पांच साल के लिए मुआवजे की अवधि बढ़ाया जाए।
झारखंड की बड़ी राशि केंद्र के पास बकाया
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कोल कंपनी के पास बकाया का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियों के पास झारखंड सरकार की बड़ी राशि बकाया है। भूमि मुआवजे का भुगतान न करने में 1,01,142 करोड़ रुपए, सामान्य कारण बकाया में 32,000 करोड़ रुपए और धुले हुए कोयले की रॉयल्टी में 2,500 करोड़ रुपये झारखंड सरकार का बकाया है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा, मैं केंद्र से 1,36,042 करोड़ रुपए की बकाया राशि जल्द से जल्द चुकाने का अनुरोध करता हूं।
बढ़ता प्रदूषण, अवैध खनन बड़ी समस्या
बढ़ते प्रदूषण पर भी वित्त मंत्री ने जताई चिंता झारखंड के कोल खनन इलाके में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए रामेश्वर उरांव ने कहा, कोयला पीएसयू की जिम्मेदारी है कि वे कोयला खदान को बंद करने के लिए औपचारिक रूप से कदम उठाए। अवैध खनन का खतरा बढ़ जाता है।

राज्य में सूखे की स्थिति
रामेश्वर उरांव ने राज्य में सूखे का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में अनियमित मानसून के कारण, 22 (24 जिलों में से) में 226 ब्लॉक को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। राज्य ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को 3,500 रुपए देने का फैसला किया है। राज्य इस मोर्चे पर केंद्रीय सहायता के लिए केंद्र सरकार के कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग को पहले ही लिखा गया है।