रांची के नामकुम से एक ठग को गिरफ्तार किया गया है। सुनील नामदेव नामक यह युवक भोपाल के सपरा का रहने वाला है। वो खुद को BSNL का GM बता कर रांची के बड़े प्रतिष्ठानों से कनेक्शन के नाम पर लाखों की ठगी करने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, इस दौरान उसके गुर्गे का मुख्य आरोपी भागने में सफल रहा है।
नामकुम पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार युवक सुनील खुद को GM बताने की बात से इनकार कर रहा है। उसने बताया कि वह किसी दूसरे युवक के कहने पर पैसे लेने आया था। पूछताछ में उसने ठगी की बात स्वीकार कर ली है। सुनील ने बताया कि उसे वह बस अपने साथ काम के लिए लाया था। वह कहां का रहने वाला है? क्या करता है, इसके विषय में उसे कोई जानकारी नहीं है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
4 दिन पहले आया था रांची, शहर से दूर के प्रतिष्ठान थे टारगेट
शुरुआती पुछताछ में उसने पुलिस को बताया है कि वह भोपाल से यूपी सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने आया था। इसी क्रम में उसकी मुलाकात उस व्यक्ति से हुई। उसी के साथ प्लानिंग कर वह 4 दिन पहले रांची आया था और लोगों से ठगी कर रहा था। उसने बताया कि वह शहर से दूर के प्रतिष्ठानों को अपना टारगेट बनाया था। फिलहाल पुलिस दूसरे व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
GM के फर्जी साइन और BSNL के पैड से लोगों को दे रहा था धोखा
रांची के लगभग आधा दर्जन हॉस्पिटल में इसने BSNL का GM बन कर संपर्क किया था। ये उन्हें फर्जी पैड और साइन दिखाकर कहता था कि BSNL हॉस्पिटल में कनेक्सन इंपैनल कर रही है। इसके लिए 17 लाख रुपए का सालाना करार करना होगा। साइनिंग अमाउंट के तौर पर यह अस्पताल प्रबंधन से 3 लाख रुपए की डिमांड करता था।
असली GM को फोन आने के बाद पकड़ी गई चोरी
BSNL के GM उमेश शाह ने बताया कि उन्हें 3 हॉस्पिटल से फोन आया कि कनेक्शन के नाम पर उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने रांची SSP को इसकी सूचना दी। SSP ने इसके लिए विशेष टीम गठित कर उसे नामकुम के एक हॉस्पिटल से गिरफ्तार किया। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है।
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