12.30बजे तक के लिए स्थगित सदन के दूसरी बार शुरू होते ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने की बात विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने की। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी अहम मुद्दा है। ऐसे में राज्य सरकार से यह उम्मीद करते हैं कि 1932 खतियान का क्या हुआ। 2016 से पहले की नियोजन नीति क्या है और 60:40 क्या है, इसे स्पष्ट करे।
डीवीसी विस्थापितों को कब मिलेगा जमीन का पट्टा
बरही विधायक उमाशंकर अकेला ने सदन में कहा कि तिलैया जलाशय निर्माण के दौरान चौपारण प्रखंड के हराई और बहमर गांव के लोगों को विस्थापित कर श्रीनगर गांव में बसा दिया गया। ऐसा साल 1951-52 में किया गया। लेकिन अब तक उन्हें जमीन का कागज नहीं दिया गया। इस वजह से वे कई लाभ से वंचित रह जा रहे हैं। इसके जवाब में कल्याण मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि एक माह के भीतर इसकी जांच करायी जाएगी। और नियम संगत लाभ दिया जाएगा।
संताली भाषा के शिक्षकों की होगी नियुक्ति
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विधायक समीर मोहंती ने पूर्वी सिंहभूम के तीन उत्कृष्ट और 19 मॉडल स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यहां स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, लेकिन इस नियुक्ति में संताली भाषा के शिक्षक नहीं हैं। इस सवाल का जवाब देते संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 27 जनवरी को जारी पत्र के आधार पर संताली भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पद सृजन शुरू किया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले महीने नियुक्ति हो जाएगी।
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