भू-माफिया ने पुंदाग से गुजरने वाली डुगडुगिया नदी की ही चोरी कर ली है। 1932 के सर्वे नक्शा में 383 खाता की जमीन से होकर गुजरने वाली करीब 220 फीट चौड़ी इस नदी को इस तरह पाटकर समतल कर दिया गया कि अब देखने से लगता ही नहीं कि यहां कोई नदी भी थी। जमीन बेचने के लिए फर्जी प्लॉट नंबर अंकित करा दिया।
नदी के कैचमेंट एरिया में सड़क बनाकर 20 एकड़ से अधिक जमीन करोड़ों रुपए में बेच दी गई। इसमें पुलिस, अंचल अधिकारी व कर्मी, नगर निगम, आरआरडीए के अफसर भी भागीदार रहे, क्योंकि भवन बनते चले गए, पर रोकने का प्रयास नहीं हुआ। नेताओं ने वोट के लिए सड़क-नालियां बनवा दीं और बिजली-पानी का कनेक्शन दिलवा दिया।
नतीजा हुआ कि नदी अब नाला बन गई। अब प्रशासन द्वारा नदी के किनारे बने भवनों को अतिक्रमण घोषित करते हुए तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई है। गुरुवार को डुगडुगिया बस्ती व लाला लाजपत नगर में करीब 12 घर तोड़े गए। इलाहीनगर में शुक्रवार काे अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा।
अधिकतर खरीदार सरकारी नौकरी वाले, इसलिए विरोध नहीं
पुंदाग क्षेत्र में डुगडुगिया नदी को पाटकर और 383 खाता की जिस जमीन को भू-माफिया ने बेचा है, उसे सरकारी नौकरी वालो ने ही खरीदा है। इसमें आईएएस-आईपीएस, कोर्ट कर्मी, इंजीनियर शामिल है। इसलिए एक तो पहले कार्रवाई नहीं की गई, वहीं कार्रवाई शुरू हुई तो एक भी व्यक्ति विरोध करने या अपनी बात सामने रखने नहीं आया।
महिला बोली- माफिया पर कार्रवाई हो
लाला लाजपत नगर में प्रशासन की टीम से एक दिव्यांग महिला उलझ पड़ी। कहा कि जमीन दलाल अरविंद, गुलजार व अन्य ने जमीन बेची है। पहले उन पर कार्रवाई हो। हमने कर्ज लेकर जमीन ली व घर बनाया। घर पर बुलडोजर चला तो यहीं जान दे देंगे। इसके बाद सीओ व कर्मचारी लौट गए।
दस्तावेज नहीं तो हर हाल में तोड़ेंगे
लों पर नोटिस के बाद कार्रवाई शुरू की गई है। गुरुवार को अभियान के दौरान लोगों से कहा गया है कि जिनके पास पर्याप्त कागजात हैं, वे कार्यालय आकर उपलब्ध कराएं। जिनके पास दस्तावेज नहीं तो उन्हें हर हाल में अवैध निर्माण तोड़ेंगे। -संतोष शुक्ला, सीओ, नगड़ी
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