रांची में चकमी बुखार (मैनिंगो इंसेफेलाइटिस) ने दस्तक दे दिया है। बुधवार को इससे RIMS में इलाजरत तीन माह की बच्ची आशी की मौत हो गई है। RIMS के सूत्रों की मानें तो 1 महीने से वह इस बीमारी से पीड़ित थी और उसका ट्रीटमेंट चल रहा था।
अचानक 2 दिन पहले वह कोविड संक्रमित हो गई। ऐसे में फिलहाल यह समझने की कोशिश की जा रही है कि उसकी मौत चमकी बुखार से हुआ है या कोविड के कारण उसका हेल्थ डेटोरिएट किया है। RIMS की तरफ से अभी इस संबंध में ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है।
7 बच्चों समेत 73 संक्रमितों का RIMS में चल रहा है इलाज
रिम्स में 73 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें न्यू ट्रॉमा सेंटर के दूसरे तल्ले पर 19 संक्रमित, न्यू पेइंग वार्ड में 01, डेंगू वार्ड में 11, सर्जरी D2 में 12, पीडियाट्रिक टू में 07 बच्चों के अलावा पीडियाट्रिक सर्जरी में भी 3 बच्चे भर्ती हैं। जबकि ऑर्थो A2 में चार संक्रमित बच्चे भर्ती हैं।
क्या होता है चमकी बुखार
चमकी बुखार वास्तव मैनिंगो इंसेफेलाइटिस इंसेफेलाइटिस है। इसे दिमागी बुखार भी कहा जाता है। चमकी बुखार में बच्चों के खून में सुगर और सोडियम की कमी हो जाती है। यह इतनी खतरनाक और रहस्यमयी बीमारी है कि अभी तक विशेषज्ञ भी इसकी सही-सही वजह का पता नहीं लगा पाए हैं।
क्या हैं इसके लक्षण
RIMS डॉक्टर के मुताबिक यह मुख्य रूप से 3-4 साल के बच्चों में होता है। हालांकि कई बार ये इनसे बड़े बच्चों में भी देखने को मिलता है। इसके लक्षण में मुख्य रूप से मृगी का दौरा आना, तेज बुखार आना, शरीर में ऐंठन आना, ब्रेन में प्रेसर बनना आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की सबसे खराब बात ये है कि इसमें सडेन डेथ होता है। इसका मृत्यु दर 50% से भी अधिक होता है।
कोविड से 3 लोगों की हुई है मौत
वहीं RIMS में बुधवार को कोरोना से 3 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में 35 वर्षीय व्यक्ति रामगढ़ जिले के गोला का रहने वाला था और न्यू ट्रामा सेंटर के दूसरे तल्ले पर इलाजरत था। जबकि 72 वर्षीय पलामू के पांकी का रहने वाला कोरोना संक्रमित था। वहीं सर्जरी D2 में इलाजरत पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के 49 वर्षीय संक्रमित व्यक्ति की भी मौत की पुष्टी हुई है।
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