काेराेना में रेलवे के बनाए नियम त्योहारी सीजन में यात्रियों के जेब पर भारी पड़ सकते हैं। क्योंकि, इस नियम के तहत बिना कंफर्म बर्थ के वेटिंग टिकट पर यात्रा करना अवैध है। पकड़े जाने पर जुर्माना हो सकता है। ऐसे में दीपावली और छठ के लिए पहले से ट्रेन का वेटिंग टिकट लेकर कंफर्म हाेने का इंतजार करनेवाले यात्रियों काे कंफर्म नहीं होने पर बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि, वेटिंग लिस्ट की अभी जो स्थिति है उसे देखते हुए नहीं लगता है कि कंफर्म होने का कोई चांस है।
वेटिंग लिस्ट को लेकर रेलवे के पास अभी तक काेई प्लान भी नहीं दिख रहा है। पिछले साल काेराेना के कारण ट्रेनों का परिचालन कम हाेने से लोग छठ में अपने घर नहीं जा पाए थे। इस बार वेटिंग लिस्ट यात्रा में खलल डाल रही है। बिहार में दरभंगा जानेवाली ट्रेन सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस में नाे रूम की स्थिति है। यानि पूरी ट्रेन फूल पैक है। रेलवे पूजा स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाएगा या काेच बढ़ाएगा, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
फ्लाइट की टिकटें हुई महंगी
6 और 7 नवंबर काे दिल्ली से रांची आनेवाली फ्लाइट की टिकटें महंगी हो गई हैं। अभी 5100 रुपए से ज्यादा है। वहीं, मुंबई से रांची आनेवाली फ्लाइट की टिकटें 7800 रुपए के आसपास है। जबकि, बेंगलुरू से रांची की फ्लाइट का किराया 7500 रुपए और कोलकाता से रांची का किराया 2800 रुपए है। जबकि अन्य दिनों में किराया काफी कम है, ऐसा भीड़ बढ़ने के कारण हुआ है।
बसाें की स्थिति
झारखंड प्रदेश बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद ने बताया कि दीपावली और छठ में लाेगाें काे घर जाने के लिए बसाें की संख्या पर्याप्त है। राज्य के अंदर और बाहर मिलाकर अभी 5 हजार बसें चल रही हैं। लाेगाेंं काे घर जाने के लिए आसानी से बस की टिकट मिल जाएगी। इसके लिए बस ऑनर एसोसिएशन अभी से तैयारी में लगा हुआ है।
दिल्ली से रांची आनेवाली ट्रेनों में वेटिंग की स्थिति
आनंद विहार-हटिया स्वर्णजयंती एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर में 77, सेकेंड एसी में 107 और थर्ड एसी में 33 वेटिंग चली रही है। वहीं, नई दिल्ली-रांची गरीब रथ में भी 170 और 91 वेटिंग चल रही है।
जिन ट्रेनों में लंबी वेटिंग रहेेगी उनमें अतिरिक्त काेच बढ़ाए जाएंगे
त्याेहार में जिन ट्रेनों में लंबी वेटिंग रहेेगी, उनमें नियमानुसार जितने अतिरिक्त काेच बढ़ाए सकते हैं बढ़ाए जाएंगे। इसके लिए रेलवे तैयारी कर रहा है। यात्रियों काे सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है।
-नीरज कुमार, सीपीआरओ, दक्षिण-पूर्व रेलवे, कोलकाता
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