भास्कर एक्सक्लूसिव:जेल में पूजा, अब धर्म-अध्यात्म की ओर रुझान, परमहंस योगानंद की पुस्तक पढ़ रहीं सिंघल, कैदियों को पढ़ाने की भी इच्छा जताई

रांचीएक वर्ष पहलेलेखक: संजय सिंह
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निलंबित आईएएस पूजा सिंघल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में हैं। - Dainik Bhaskar
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में हैं।

निलंबित आईएएस पूजा सिंघल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आराेप में गिरफ्तार कर जेल भेजा है। सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें महिला जनरल कैदी वार्ड में नहीं रखा गया है, बल्कि अपर डिवीजन सेल में रखा गया है। जेल में उन्हें साथ मिला है पूर्व मंत्री याेगेंद्र साव की पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी का। और भी तीन-चार महिला कैदियाें काे उनके साथ रखा गया है। पूजा जबसे जेल गई हैं, तब से काफी शांत-शांत रह रही हैं। कभी-कभार उनका ब्लड प्रेशर बढ़ जा रहा है। हालांकि जेल के चिकित्सक उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रख रहे हैं।

जेल कैंपस में ही वे निर्मला देवी के साथ मार्निंग वॉक भी करती हैं। कभी नाैकर-चाकर से घिरी रहनेवालीं पूजा सिंघल के लिए जेल में एक-एक दिन काटना भारी पड़ रहा है। वे अपने सेल से बहुत कम ही बाहर निकलती हैं। अब उनका रुझान पूजा-पाठ और धर्म अध्यात्म की ओर हुआ है। जेल की लाइब्रेरी से उन्हाेंने परमहंस याेगानंद की पुस्तक मंगवाई है।

वे गंभीरता से पुस्तक पढ़ रही हैं और पूर्व विधायक निर्मला देवी से ज्यादातर समय धर्म-अध्यात्म की ही बातें करती हैं। पूजा सिंघल ने जेल के कैदियाें काे पढ़ाने की भी इच्छा जताई है। वे चाहती हैं कि जाने-अनजाने में गलती कर सजा पाए कैदी जेल में रहने के दाैरान कुछ पढ़-लिख लें, शिक्षित हाे जाएं, ताकि जब जेल से जब बाहर निकलें, ताे सही रास्ते पर चलें और दूसराें काे भी शिक्षा का महत्व बताएं।

दिनचर्या संयमित, जेल नियमाें का भी पालन करती हैं

जेल सूत्राें के अनुसार, जेल की लाईब्रेरी में धर्म-अध्यात्म की पुस्तकें ज्यादा हैं। जेल के अपर डिवीजन सेल में बंद कैदी ये पुस्तकें मंगवा कर पढ़ते हैं। परमहंस योगानंद की लगभग 10 पुस्तकें हैं। ज्यादातर कैदी इस पुस्तक को पसंद करते हैं। पूजा सिंघल काफी शांत-शांत ही रहती हैं। या ताे वे परमहंस याेगानंद की पुस्तक पढ़ती रहती हैं या विश्राम करती हैं। पूर्व विधायक निर्मला देवी से भी बातचीत के दौरान धर्म-अध्यात्म की ही चर्चा करती हैं।

उनके साथ रह रहीं अन्य महिला कैदी उनका पूरा ख्याल रखती हैं। उनकी जरूरतें भी पूरी करती हैं। जेल के किचेन का बना खाना ही खाती हैं। जेल में उनकी दिनचर्या काफी संयमित है। वे जेल नियमाें का पूरी तरह से पालन करती हैं। दूसरी महिला कैदियाें काे भी नियमाें का पालन करने के साथ ही साथ अनुशासित रहने की सलाह देती हैं।

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