ग्रामीण विकास मंत्रालय और भारत रूरल लाइवलीहुड फाउंडेशन द्वारा संचालित जीवी दाः हासा परियोजना का मूल्यांकन के लिए आज मंगलवार को प्रदेश स्तरीय टीम डब्ल्यूएपीसीओएस कामडारा ब्लॉक पंहुचे और कामडारा प्रखण्ड के गांव सोनमेर का भ्रमण किया गया। जिसमें प्रदेश से आए टीम के सदस्य राकेश कुमार और अंकुर भदाना को ग्रामीणों ने. \"जीवी दा: हासा\" परियोजना के अंतर्गत हुए जलछाजन विस्तार पूर्वक बताया।
जिसमें जलछाजन के उद्देश्य एवम महत्व को समझते हुए ,साथ ही दूसरे गांव में जलछाजन अंतर्गत हुए मनरेगा योजनाओं के एक्सपोजर करके समझ बनाते हुए सोनमेर में जलछाजन के अनुरूप ग्रामीणों के पूर्ण सहभागिता से किस प्रकार से डीपीआर बनाया जाता है। जिसमें जल संचय करते हुए, पलायन को रोकना, दोहरी खेती बाड़ी करके आय बढ़ाना आदि की जानकारी दी गई। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष 2022-2023 में क्रियान्वित करने के लिए गांव के एक्टिव जॉब कार्ड के अनुसार लेबर बजट बनाते हुए 75% एनआरएम कार्य और अति वंचित परिवार के लाभ को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का प्राथमिकीकरण सूची बनाया गया है।
जिसमें अभी काम चालू है इस दौरान उन्होंने प्रदान द्वारा जीवी दाः हासा परियोजना द्वारा नियोजित योजनायें, जिनका क्रियान्वयन शुरू हो गया है , का मूल्यांकन किया। मूल्यांकन दल ने लाभुकों से मिलकर कार्यों का जायजा लिया। साथ ही ग्रामीणों से पूछा कि मनरेगा में कौन कौन सी योजनाएं होती है, मनरेगा में भुगतान कैसे होती है, काम करने वाले मजदूरों को पैसा मिला या नहीं, मनरेगा से जुड़कर लाभुकों की आर्थिक स्थिति में कोई बदलाव हुआ या नहीं, ग्राम सभा में दीदियों को अब क्या महत्व मिलता है, आम बागवानी के क्या क्या फायदे हैं? इत्यादि की जानकारी ली गई। टीम के द्वारा क्रियान्वित हुए योजनाओं का क्षेत्र भ्रमण भी किया गया।
इस दौरान एसपीएमयू से डांगी हेम्ब्रम बीडीओ अमृता प्रियंका एक्का, बीपीओ, जेई,एई, पंचायत सचिव ,रोजगार सेवक और महिला विकास मंडल से सावित्री देवी, शोभा बारला, प्रतिमा देवी के अलावे अन्य लोग थे।
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