गोवा विधानसभा चुनाव से पहले शनिवार को शिवसेना ने अपना घोषणपत्र जारी कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार में पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और शिवसेना के सांसद संजय राउत ने चुनावी वादों का पिटारा गोवा की जनता के लिए खोला है। बता दें कि गोवा में शिवसेना और एनसीपी (NCP) चुनाव साथ लड़ने का ऐलान किया था। हालांकि, दोनों पार्टियों ने अलग-अलग घोषणा पत्र जारी करने का निर्णय लिया है।
घोषणापत्र के मुख्य पॉइंट्स
शिवसेना ने अपने इस घोषणापत्र को 'वचननाम' नाम दिया है। पार्टी की ओर से ऐलान किया गया है कि सत्ता में आने के बाद वह इन वादों को पूरा करेगी।
भाजपा ने पांच साल तक हमारी पीठ में खंजर घोपे रखा
गोवा की 11 सीटों पर शिवसेना अपने उम्मीदवार उतार रही है। घोषणापत्र जारी करने पहुंचे आदित्य ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब हमारा बीजेपी से गठबंधन था तो बालासाहेब ठाकरे की यह भावना थी कि अगर कोई सहयोगी है तो दोस्ती को पूरा सपोर्ट कर आगे बढ़ाया जाना चाहिए। अपने दोस्त को कहीं भी जोखिम में नहीं डालना चाहिए। हमने उनकी(भाजपा) मदद के लिए दूसरे राज्यों में कभी चुनाव नहीं लड़ा। भाजपा ने पांच साल के दौरान हमारी पीठ में खंजर घोपने का काम किया। एनडीएम में अन्य दलों की पीठ में छुरा घोंपा गया है।”
अगर हम कमजोर हैं, तो भाजपा क्यों ले रही हमारा नाम
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा,'भाजपा के लोग कह रहे हैं कि शिवसेना उम्मीदवारों की जमानत जब्त कर ली जाएगी। अगर किसी को लगता है कि हमारी पार्टी इतनी कमजोर है कि हमारी जमानत जब्त हो जाएगी तो हमारी आलोचना क्यों? हमारे बारे में क्यों बात कर रहे हैं?”
मनोहर पर्रिकर के बेटे को शिवसेना का समर्थन
शिवसेना ने दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को अपना समर्थन देते हुए अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेने का फैसला किया है। बता दें कि भाजपा द्वारा टिकट नहीं देने से नाराज उत्पल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस बारे में बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, 'शिवसेना ने जो भी दोस्ती की है, उसे खुले तौर पर निभाई है। हम स्पष्ट और ईमानदार दिमाग से उत्पल पर्रिकर का समर्थन करते हैं।"
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