महाविकास अघाड़ी पार्टियों के बीच फिर से दरार नजर आ रही है। कई साल तक एक दूसरे के साथ सरकार चलाने वाली कांग्रेस-एनसीपी अब एक दूसरे में सेंधमारी कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के मालेगांव के 27 पार्षद शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए। खास यह है कि सभी पार्षद डिप्टी सीएम अजीत पवार की मौजूदगी में एनसीपी में शामिल हुए हैं। इसके साथ ही मालेगांव की मेयर ताहिरा शेख भी पार्टी में शामिल हो गईं है।
जानकारी के मुताबिक, मालेगांव नगर निगम में कुल 84 सीटें हैं। साल 2017 के नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को 30 सीटें मिली थीं, जबकि एनसीपी ने 20 सीटें मिली थी। शिवसेना 12 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी को 9 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि 7 सीटें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और 7 सीटें जनता दल सेक्युलर को मिली थीं। ऐसे में अब कांग्रेस के पास सिर्फ 3 पार्षद बचे हैं और एनसीपी सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है।
राज्य के दो और बड़े मंत्री इस कार्यक्रम में मौजूद थे
अजित पवार के अलावा मंत्री जयंत पाटिल और छगन भुजबल भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। जिस तरह से कांग्रेस के पार्षदों को एनसीपी में शामिल करवाया गया है, इससे दोनों दलों के बीच फिर से विवाद खड़ा होना स्वाभाविक माना जा रहा है।
कांग्रेस के मंत्रियों पर लगाए गंभीर आरोप
मालेगांव में कांग्रेस के पूर्व विधायक रशीद शेख की पत्नी और महापौर ताहिरा शेख ने पार्टी छोड़ने से पहले आरोप लगाया कि हम सभी मिल कर शहर के विकास के लिए काम करना चाहते थे, लेकिन राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट को छोड़ कर किसी भी मंत्री से कोई सहयोग नहीं मिल रहा था।
आसिफ शेख भी NCP में हो गए थे शामिल
गौरतलब हैं कि महाराष्ट्र की आघाडी सरकार में ऊर्जा विभाग कांग्रेस के पास है। इसके बावजूद पिछले दो साल से मालेगांव में बिजली व्यवस्था के विकास को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। कांग्रेस के पूर्व विधायक रशीद शेख ने कहा कि ऐसे में कांग्रेस पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं रह गया था। बीते 6 महीने पहले रशीद के पुत्र और पूर्व विधायक आसिफ शेख भी कांग्रेस छोड़ कर एनसीपी में शामिल हो गए थे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.