मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और तलोजा जेल में बंद उनके विधायक पति रवि राणा को अभी जेल में ही रहना होगा। 23 अप्रैल से जेल में बंद राणा दंपती की जमानत अर्जी पर अब अदालत बुधवार को फैसला सुनाएगी। शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मुंबई की सिविल एंड सेशंस कोर्ट के शेष न्यायाधीश आर. एन. रोकाडे ने सोमवार के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था। जानकारी के मुताबिक, अदालत आज आर्डर पूरा नहीं लिखवा सकी और कल ईद की छुट्टी है, इसलिए इस मामले में अब 4 मई को फैसला आएगा।
शुक्रवार को हुई बहस के दौरान करीब ढाई घंटे तक दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं। राणा दंपती पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और राजद्रोह का आरोप है। इसके अलावा एक अन्य एफआईआर में उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप है। राणा दंपती की ओर से वकील रिजवान मर्चेंट और अबाद पोंडा ने कोर्ट में दलीलें पेश की, जबकि मुंबई की खार पुलिस की ओर से सरकारी वकील प्रदीप घरत ने जमानत याचिका का विरोध किया है। नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा पर आईपीसी की धारा 124-A के तहत राजद्रोह का केस लगाया गया है।
जेल में बिगड़ रही नवनीत राणा की तबियत
इस बीच राणा दंपती के वकील रिजवान मर्चेंट ने जेल सुपरिटेंडेंट को एक पत्र लिख कहा है कि नवनीत राणा को स्पोंडिलोसिस की समस्या है और उनकी परेशानी लगातार बढ़ रही है। इसलिए उन्हें तुरंत मेडिकल हेल्प चाहिए। खास यह है कि रिजवान ने यह चिट्ठी 29 अप्रैल को लिखी है, लेकिन अभी तक इस पर कोई एक्शन जेल प्रशासन की ओर से नहीं हुआ है। रिजवान ने यह भी कहा है कि अगर एक जनप्रतिनिधि की हालत गंभीर होती है तो इसके लिए जेल प्रशासन जिम्मेदार होगा। पत्र की एक कॉपी उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को भी भेजी है।
इस आधार पर मुंबई पुलिस ने किया है विरोध
कोर्ट में मुंबई पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए कहा नवनीत राणा पर गंभीर आरोप है। सरकार की दलील है कि जेल से बाहर निकलकर राणा दंपती केस को प्रभावित कर सकते है। पुलिस की ओर से यह भी कहा गया कि धारा 149 का नोटिस दिए जाने के बावजूद राणा दंपती ने एक इंटरव्यू में राज्य सरकार को खुलेआम चुनौती दी थी। मामला इतना सीधा और सरल नहीं है, जितना बताया जा रहा है।
राणा दंपती का मकसद सिर्फ हनुमान चालीसा पढ़ना नहीं था। उनका मकसद कानून व्यवस्था को बिगाड़ कर ठाकरे सरकार के लिए चुनौती पेश करना था। राणा दंपत्ति राज्य की महा विकास आघाडी सरकार के अस्तित्व को चुनौती देने की साजिश रच रहे थे।
जब पुलिस ने उन्हें पहले ही धारा 149 के तहत नोटिस देकर रोकने की कोशिश की तो वे मातोश्री के बाहर जाकर हनुमान चालीसा पढ़ने की जिद पर क्यों अड़े रहे? इसलिए क्योंकि वे अराजकता की हालत पैदा करना चाह रहे थे।
बचाव पक्ष की यह थी दलील
वहीं राणा दंपती के वकील ने दलील पेश करते हुए कहा राणा दंपती एक जिम्मेदार नागरिक हैं और हर शर्त का पालन करेंगे। सुनवाई के दौरान वकील ने लगाए गए राजद्रोह के आरोप पर भी सवाल उठाया। इस दौरान वकील ने राणा दंपती 8 साल की बेटी का भी हवाला दिया। राणा दंपती ने याचिका में कहा गया है कि धारा 153 (ए) के तहत आरोप को कायम नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि याचिकाकर्ताओं का मुख्यमंत्री के निजी आवास के पास हनुमान चालीसा का पाठ करके नफरत पैदा करने का कोई इरादा नहीं था।
नवनीत राणा का राउत पर गंभीर आरोप
सांसद नवनीत राणा ने दिल्ली के सीपी राकेश अस्थाना को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने शिवसेना नेता संजय राउत पर उनके खिलाफ अपमानजनक और जातिवादी टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। सांसद राणा ने राउत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली पुलिस ने नवनीत और रवि राणा की शिकायतों के बारे में डीजीपी महाराष्ट्र को एक प्रति भेजती है। दिल्ली पुलिस ने कहा है, "चूंकि मामला खार पुलिस स्टेशन से संबंधित है, इसलिए सांसद नवनीत रवि राणा की शिकायत को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है।"
इस वजह से शुरू हुआ था विवाद
सारा विवाद तब शुरु हुआ था जब नवनीत राणा ने ऐलान किया कि सीएम उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगीं। ऐलान के बाद शिवसेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नवनीत राणा के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिसके बाद अमरावती लोकसभा सीट से सांसद नवनीत राणा और बडनेरा से विधायक पति रवि राणा ने हालांकि 23 अप्रैल को मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने संबंधी अपनी योजना को रद्द कर दिया था। लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। फिलहाल 6 मई तक न्यायिक हिरासत में है।
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