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राष्ट्रपति पद पर शरद पवार की मजबूरी:NCP चीफ बोले- मैं राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं बनूंगा, क्योंकि मुझे पता है कि इसका नतीजा क्या होगा

मुंबई2 वर्ष पहले
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। शरद पवार ने बुधवार को कहा, 'यह बिल्कुल बेबुनियाद बात है कि मैं राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने जा रहा हूं। मुझे पता है कि जिस पार्टी के पास 300 से ज्यादा सांसद हैं, उसे देखते हुए क्या नतीजा होगा। मैं राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं बनूंगा।

उन्होंने आगे कहा कि प्रशांत किशोर मुझसे दो बार मिले हैं, लेकिन हमने दोनों बार उनकी एक कंपनी के बारे में बात की है, प्रशांत किशोर के साथ कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई थी। हमने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव या राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं की है। प्रशांत किशोर ने मुझे बताया कि वे चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ चुके हैं।

अभी तक कुछ भी तय नहीं किया गया है, चाहे 2024 के आम चुनाव हों या राज्य के चुनाव। चुनाव दूर है, राजनीतिक हालात बदलते रहते हैं। 2024 के चुनाव में मैं किसी भी प्रकार की लीडरशिप की भूमिका नहीं निभाऊंगा।

2022 में समाप्त हो रहा है राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल
असल में माना जा रहा था कि प्रशांत किशोर पूरे विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी चर्चा थी कि विपक्ष द्वारा एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है, लेकिन अब खुद पवार ने इस खबर का खंडन कर दिया है।

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 2022 में समाप्त हो रहा है। उस स्थिति में, देश के नए राष्ट्रपति के लिए फिर से चुनाव होगा। इसलिए विपक्ष पहले से ही अपना उम्मीदवार तलाशने में लगा हुआ है और उसके लिए सही मोर्चा भी बना रहा है। प्रशांत किशोर ने पिछले महीने 11 और 21 जून को पवार से मुलाकात की थी। इसके बाद ये अटकलें लगने लगीं कि लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों के बीच कुछ तो पक रहा है।

राहुल से भी मिले हैं प्रशांत किशोर
किशोर ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान केके वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। दरअसल, प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी काम किया है और बीजेपी को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई है। बाद में उन्होंने पंजाब, बिहार, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में रणनीतिकार के रूप में काम किया।

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