महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार 115 आरोपियों में से एक में कोरोनावायरस मिला है। इसके बाद उनके संपर्क में आने वाले 43 लोगों, जिनमें 23 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं कि जांच की जा रही है।
पालघर ग्रामीण अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ दिनकर गावित ने बताया कि पालघर लिंचिंग केस में 55 साल का एक आरोपी पॉजिटिव पाया गया है। इसे 17 अप्रैल को पकड़ा गया था और यह वाड़ा पुलिस थाने में लॉकअप में बंद था। संक्रमित दहानु में दिव्य-वाकीपाड़ा का रहने वाला है। संक्रमित होने के बाद अब इसकी ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है और परिवार को भी होम क्वारैंटाइन किया गया है।
14 मई तक पुलिस कस्टडी में था आरोपी
इस कोरोना संक्रमित आरोपी को दहानु कोर्ट में पेश किया गया था और अन्य 114 आरोपियों के साथ 14 मई तक पुलिस कस्टडी की मांग की गई थी। अन्य सभी आरोपियों को वाडा, दहानू, कासा, विक्रमगढ़, तलासरी और अन्य पुलिस थानों में लॉकअप में रखा गया है ताकि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण भीड़भाड़ से बचा जा सके।
जेजे हॉस्पिटल के जेल वार्ड में किया जा रहा शिफ्ट
डॉ. गावित ने कहा कहा कि 28 अप्रैल की सुबह आरोपी के गले का स्वाब टेस्ट लिया गया, जिसमें वह नेगेटिव पाया गया। मगर शनिवार सुबह एक और टेस्ट किया गया और इसमें वह कोरोना पॉजिटिव निकला। उसे आरएच में भर्ती कराया गया था, मगर उच्च अधिकारियों से अनुमति लेने के बाद आरोपी मरीज को मुंबई के जेजे अस्पताल के जेल वार्ड में स्थानांतरित किया जा रहा है।
संक्रमित में नहीं है कोरोना के कोई भी लक्षण
उन्होंने कहा कि आरोपी में कोरोना वायरस के अब तक कोई लक्षण नहीं दिखे हैं, मगर हम किसी तरह का कोई चांस नहीं ले सकते हैं। पालघर जिले में अब तक 170 कोरोना के मामले सामने आए हैं और 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस कोविड-19 से 59 लोग उबर भी चुके हैं।
ऐसे हुई थी दो साधुओं और ड्राइवर की हत्या
16 अप्रैल को मुंबई से सूरत जाने वाले दो साधुओं की कार को 200 से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा रोका गया था। चोर होने के संदेह पर इस भीड़ ने कार पर हमला कर दिया और पत्थर एवं डंडों से हमला किया, जिसमें दोनों साधुओं की जान चली गई।
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