क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती डिमांड के चलते पुणे में एक शेयर कारोबारी का अपहरण हो गया। खास बात यह है कि किडनैपिंग का मास्टरमाइंड महाराष्ट्र पुलिस का एक सिपाही था। मुख्य आरोपी दिलीप तुकाराम खंडारे पुणे में साइबर क्राइम सेल के साथ काम कर चुका था। इसी दौरान उसे पता चला कि शेयर कारोबारी विनय नाइक के पास 300 करोड़ रुपए के बिटकॉइन हैं। इसके बाद उसने कारोबारी को किडनैप करने का प्लान बनाया।
आरोपी कॉन्स्टेबल खंडारे ने 7 और लोगों के साथ मिलकर बिटकॉइन की जबरन वसूली के लिए 14 जनवरी को पुणे के एक होटल से कारोबारी विनय को अगवा किया था। बुधवार को पुणे पुलिस जोन-2 के उपायुक्त (DCP) आनंद भोइटे ने कॉन्स्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे के साथ सुनील राम शिंदे, वसंत श्याम चव्हाण, फ्रान्सिस टिमोटी डिसूजा, मयूर महेंद्र शिर्के, प्रदीप काशीनाथ काटे, संजय उर्फ निकी राजेश बंसल और शिरीष चंद्रकांत खोत की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
पकड़े जाने के डर से कारोबारी को छोड़ा
पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि कॉन्स्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे ही इस पूरे केस का मास्टरमाइंड है। उसने विनय नाइक के अपहरण के बाद बिटकॉइन बेचने की कोशिश भी की। नाइक के गायब होने पर उनके एक दोस्त ने अपहरण का केस दर्ज करवाया था। पुलिस की सख्ती की वजह से आरोपियों को पकड़े जाने का डर लगा, इसलिए उन्होंने नाइक को छोड़ दिया।
टेक्नोलॉजी का एक्सपर्ट है आरोपी कॉन्स्टेबल
पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश के मुताबिक आरोपी दिलीप तुकाराम खंडारे पिंपरी चिंचवाड़ आयुक्त के ऑफिस में काम करता था और उसने मोबाइल फोरेंसिक, एडवांस साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन, ऑफिस ऑटोमेशन, बेसिक हार्डवेयर एंड नेटवर्क टेक्नोलॉजी जैसे कोर्स किए थे। कुछ दिन पहले वह निजी कारण बताकर अचानक छुट्टी पर चला गया था।
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