एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 84 दिन बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने मंगलवार को सुशांत की गर्लफ्रेंड रही रिया चक्रवर्ती को ड्रग्स केस में गिरफ्तार कर लिया। मेडिकल के बाद चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने रिया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। यहां एनसीबी ने साफ कहा कि वह रिया की रिमांड नहीं चाहती है, लेकिन उनकी जमानत नहीं होनी चाहिए।
इसके बाद अदालत ने रिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अब रिया एनसीबी के दफ्तर में ही सेल में रहेंगी। उन्हें कल भायखला जेल भेजा जाएगा। रिया से एनसीबी ने रविवार को रिया से पूछताछ शुरू की थी। इसके बाद उन्हें सोमवार और मंगलवार को भी पूछताछ के लिए बुुलाया गया और इस दौरान करीब 20 घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए गए।
रिया गिरफ्तार क्यों हुईं?
रिया की गिरफ्तारी के बाद सुशांत की बहन का ट्वीट- भगवान हमारे साथ हैं
रिया का सच सामने आया: बिहार के डीजीपी
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि एनसीबी के पास रिया के खिलाफ पक्का सबूत है। रिया का ड्रग पैडलर्स के साथ कनेक्शन था। यह बात पुख्ता होने पर गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई है।
रिया के वकील ने कहा- सुशांत ड्रग एडिक्ट था
रिया के वकील ने कहा है कि 3 जांच एजेंसियां एक महिला के पीछे सिर्फ इसलिए पड़ी हैं, क्योंकि वह एक ड्रग्स एडिक्ट से प्यार करती थी। सुशांत कई साल से मानसिक रूप से परेशान था और उसने प्रतिबंधित दवाएं खाने की वजह से सुसाइड कर लिया था।
रिया की शिकायत पर सुशांत की बहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज
इससे पहले सोमवार को रिया की शिकायत के बाद बांद्रा पुलिस ने सुशांत की बहन प्रियंका सिंह और दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर तरुण कुमार समेत कुछ दूसरे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक यह मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है।
रिया ने सुशांत की बहन पर क्या आरोप लगाए?
सोमवार को एनसीबी दफ्तर से निकलने के बाद रिया बांद्रा पुलिस स्टेशन पहुंची और प्रियंका समेत दूसरे लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। एक्ट्रेस का आरोप है कि "प्रियंका ने डॉक्टर का फर्जी पर्चा बनवाकर सुशांत को दिया था। पर्चे में अवैध दवाओं का प्रिस्क्रिप्शन था। डॉक्टर ने सुशांत की जांच किए बिना और सिर्फ प्रियंका के कहने पर डिप्रेशन की दवाएं लिख दी थीं। यह जालसाजी है और एनडीपीएस एक्ट, टेली मेडिसिन प्रैक्टिस गाइडलाइंस का उल्लंघन है।
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