तकरीबन 22 दिनों तक मुंबई के सर एचएन रिलायंस अस्पताल में रहने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुरुवार को डिस्चार्ज होकर अपने घर 'मातोश्री' पहुंच गए। गर्दन में दर्द के बाद 10 नवंबर को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था और 12 नवंबर को उनका ऑपरेशन किया गया। हॉस्पिटल के डॉक्टर डॉ अजीत देसाई ने बताया कि CM अभी पूरी तरह से फिट हैं और उन्हें वर्क फ्रॉम होम करने की सहाल दी गई है।
CM उद्धव ठाकरे को लाने के लिए उनके बेटे आदित्य ठाकरे हॉस्पिटल पहुंचे थे। हॉस्पिटल में हुई सर्जरी से पहले, वरिष्ठ ऑर्थो सर्जन डॉक्टरों की सलाह पर उनके विभिन्न चिकित्सा परीक्षण किए गए थे। इन जांचों की रिपोर्ट मिलने के बाद वरिष्ठ चिकित्सक मुख्यमंत्री ठाकरे से चर्चा की गई। इसके बाद गर्दन के दर्द का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया।
कोविड के चक्कर में गर्दन के दर्द को किया नजरअंदाज
हॉस्पिटल में एडमिट होने से पहले CM एक कार्यक्रम में कॉलर बेल्ट पहने नजर आये थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस से लड़ने के दौरान उन्हें गर्दन उठाने का भी मौका नहीं मिला। मैंने अपनी गर्दन के दर्द को नजरअंदाज किया, इसी वजह से यह हालत हुई है।
अस्पताल से ही हुए कैबिनेट बैठक में शामिल
हॉस्पिटल में रहने के दौरान पिछले हफ्ते सीएम ठाकरे अस्पताल से ही डिजिटल माध्यम से मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य मंत्री शामिल हुए थे। मंत्रिमंडल की ओर से पवार ने ठाकरे के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान के मुताबिक ठाकरे ने उनके अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान सहयोग के लिए अपने सहकर्मियों को धन्यवाद ज्ञापित किया था।
दर्द ज्यादा बढ़ने के बाद लिया सर्जरी का फैसला
गर्दन और रीढ़ की हड्डी में दर्द की वजह से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने कई कार्यक्रम भी कैंसिल किए थे। परेशानी की वजह से वह लोगों से मुलाकातें भी वे कम कर रहे थे। दिवाली के दिन अपने वर्षा बंगले में आने-जाने वालों से भी उन्होंने कम ही मुलाकात की। जब सीएम ठाकरे का दर्द ज्यादा बढ़ गया उसी के बाद उन्होंने सर्जरी किए जाने का फैसला किया था।
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