पूरी तरह से 'मेड इन इंडिया' कांसेप्ट पर निर्मित युद्धपोत INS सूरत (यार्ड 12707) और INS उदयगिरी (यार्ड 12652)को मुंबई के मझगांव बंदरगाह को लॉन्च किया गया। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए हैं। दोनों की लॉन्चिंग के बाद रक्षामंत्री ने कहा, 'उदयगिरि और 'सूरत' के सफल प्रक्षेपण के बाद, इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी जहाज निर्माण करेंगे। हम न केवल 'मेक-इन-इंडिया' बल्कि 'मेक-फॉर-वर्ल्ड' का भी लक्ष्य रखेंगे।
इससे पहले नेवी की ओर से बताया गया है कि इन वॉरशिप्स के लाॉन्च के दिन देश स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना का गवाह बनेगा। दोनों ही युद्धपोत का डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है।
प्रोजेक्ट 15बी का चौथा युद्धपोत है सूरत
ये युद्धपोत प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के अगली पीढ़ी के स्टील्थ हैं, जिन्हें नौसेना के निर्देश पर मझगांव डॉक्स में बनाया गया है। INS सूरत प्रोजेक्ट 15बी का चौथा युद्धपोत और प्रोजेक्ट 15ए, यानी कोलकता-क्लास डिस्ट्रॉयर युद्धपोत के मुकाबले एक बड़ा मेकओवर है। प्रोजेक्ट 15बी का पहला युद्धपोत INS विशाखापट्टनम पिछले साल, यानी 2021 में भारतीय नौसेना में शामिल हो गया था। जबकि बाकी दो INS मारमुगाव और INS इम्फाल के ट्रायल चल रहे हैं।
इसलिए सूरत शहर के नाम पर पड़ा इसका नाम
इंडियन नेवी के मुताबिक, सूरत का एक समृद्ध समुद्री जहाज निर्माण इतिहास है। 16वीं शताब्दी से लेकर 18वीं सदी तक सूरत को जहाज निर्माण में एक अग्रणी शहर माना जाता था। यहां बने जहाज 100-100 साल तक समदंर में ऑपरेशनल रहते थे। यही वजह है कि इसका नाम गुजरात की फाइनेंशियल कैपिटल और मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा कॉमर्शियल सेंटर 'सूरत' के नाम पर रखा गया है। सूरत को दो अलग-अलग जगहों पर ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है।
पर्वत श्रृंखला के नाम रखा वॉरशिप का नाम
युद्धपोत उदयगिरी का नाम आंध्र प्रदेश में एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर दिया गया है। यह प्रोजेक्ट 17A का तीसरा फ्रिगेट है। 'उदयगिरी' घातक हथियारों, सेंसर, टेक्नोलॉजी और नए प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट में सुधार कर निर्मित किया गया है।
P17A के तहत कुल सात जहाज निर्माणाधीन
इसके साथ ही भारतीय नौसेना के द्वारा बताया गया कि P17A के तहत कुल सात जहाज निर्माणाधीन हैं, जिसमें चार को मझगांव डॉक में व तीन कोलकाता को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में बनाया जा रहा है। आपको बता दें कि 15B और P17A के तहत दोनों युद्धपोत को देश में ही डिजाइन और निर्माण किया गया है। इसके साथ ही इसमें 75% उपकरण व सिस्टम स्वदेशी यूज किए गए हैं।
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