नेशनल हाइवे 346 ए की लंबे समय से मरम्मत नहीं हुई है। इससे इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह गड्ढों हो गए हैं। सड़क पर हुए गड्ढों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। इन हादसों के कारण कई लोग घायल हो रहे हैं। वहीं कुछ लोगों की सड़क हादसों के कारण मौत भी हो चुकी है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों का राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया गया है।
पूर्व में इस मार्ग को स्टेट हाइवे का दर्जा मिला था। लेकिन करीब 5-6 साल पहले एनएचएआई ने इस मार्ग को अपने अधीन ले लिया। एनएचएआई ने अपने अधीन लेने के बाद इस सड़क का दोबारा से निर्माण नहीं कराया है। इस सड़क पर विभाग द्वारा कहीं-कहीं मरम्मत करा दी जाती है।
इससे सड़क पर हुए गड्ढों की जगह पर मरम्मत के बाद सड़क ऊंची हो जाती है। इससे इस रोड से निकलने वाले वाहन चालकों को परेशानी होती है। वहीं इस रोड पर सेहराई से मुंगावली के बीच लंबे समय से मरम्मत नहीं हुई है। इस कारण मुंगावली से सेहराई के बीच सड़क कई जगह उखड़ गई है।
सड़क पर हुए गड्ढों के कारण वाहनों में हो रही टूटफूट
सड़क पर हुए गड्ढों के कारण वाहनों में टूटफूट हो रही है। रात के समय यहां से निकलने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी होती है। रात को तेज गति से निकलते समय वाहन चालकों को गड्ढों दिखाई नहीं देते हैं। अचानक तेज रफ्तार में वाहनों के गड्ढों में जाने से कारों के चैंबर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
इसके अलावा वाहनों के टायरों का अलाइनमेंट खराब हो जाता है। यदि वाहन चालक इस ओर ध्यान नहीं दे तो वाहनों के टायर एक तरफ से घिस जाते हैं। इससे वाहन संचालकों को हजारों रुपए का नुकसान होता है।
खिरिया और सेहराई के बीच हुआ 3 फीट लंबा और 2 फीट चौड़ा गड्ढा
खिरिया और सेहराई के बीच 3 फीट लंबा 2 फीट चौड़ा गड्ढा कई महीने पहले हो गया है। इसको आज नहीं भरा गया। जिसने कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। इसी प्रकार हंसनगर की पुलिया की दचक भी कई साल हो गए हैं। इससे आज तक मरम्मत नहीं हुई।
इस दचक के कारण दोपहिया वाहन के पीछे बैठी सवारी गिर कर घायल हो जाती है। इस पुलिया पर बाइक के पीछे बैठी दो महिलाओं की गिरने से मौत भी हो चुकी है। इसके बाद भी विभाग ने इसकी मरम्मत नहीं की है। इसके अलावा मुंगावली से चंदेरी तक कई जगह सड़क का डामर निकल गया है।
आए दिन हो रहे हादसे
सड़क पर गड्ढों के कारण सबसे अधिक परेशानी दो पहिया वाहन चालकों को होती है। सड़क पर हुए गड्ढों के कारण दोपहिया वाहनों के पीछे बैठी महिला सवारियां अनबेलेंस होकर गिर जाती है। इससे सवारियां गंभीर रूप से घायल हो जाती हैं।
वहीं कई बार गंभीर रूप से घायल होने के कारण कई बार सवारियों की मौत भी हो जाती है। इसके बाद भी एनएचएआई के अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसकी मरम्मत नहीं की गई है। इससे यहां से निकलने वाले वाहन चालकों को परेशानी होती है।
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