ऑनलाइन कम्प्यूटर नेटवर्किंग डिप्लोमा काेर्स कराने के नाम पर बड़ा साइबर फ्राॅड सामने आया है। दिल्ली की संस्था पैंजिया सामाजिक आर्थिक विकास परिषद ने एक हजार बच्चों को मुफ्त में ट्रेनिंग कोर्स कराकर 10 हजार रुपए की छात्रवृत्ति देने का झांसा दिया और ऑनलाइन दस्तावेज मंगवाकर सभी के नाम से मुंबई की एडवांस फाइनेंसिंग प्रालि कंपनी से 1-1 लाख रुपए का एजुकेशन लोन निकाल लिया। मोबाइल पर आए ओटीपी पूछकर किए गए इस फ्राॅड का फायदा उठाते हुए फाइनेंस कंपनी ने इन्हीं बच्चों को एजुकेशन लोन के साथ ही स्कूटी के नाम से 1-1 लाख रुपए का अलग से लोन दे डाला।
कुछ युवाओं को इसकी भनक लगी तो अब वे कलेक्टर-एसपी कार्यालयों के चक्कर लगाते हुए उनके नाम से बैंक में चढ़े एजुकेशन लोन को हटवाने की मांग करने लगे हैं। पीड़ित युवक हिमांशु सोनी ने बताया कि वह ईसागढ़ स्थित एसबीआई शाखा में लोन लेने पहुंचा। तब उसे पता चला कि उसके नाम पहले ही पैंजिया संस्था ने एक लाख रुपए का एजुकेशन लोन ले रखा है। ऋषि ओझा ने बताया कि शुरुआत में कंपनी ने मुफ्त में ऑनलाइन कोर्स कराने का झांसा दिया था। इतना ही नहीं तीन माह का कोर्स करने के बाद 10 हजार रुपए की छात्रवृत्ति देने की बात कही। इसी झांसे में आकर मैंने अपने ही घर परिवार व रिश्तेदार मिलाकर 8 एडमिशन कराए। सभी के ऑनलाइन दस्तावेज भेजे और संस्था के बताए मुताबिक मोबाइल पर दो बार आए ओटीपी भी नोट करा दिया। अब पता चला कि सभी के नाम से लोन निकाल लिया गया। मामले में एसपी रघुवंशसिंह भदौरिया का कहना है कि आवेदन आया है। जिसकी जांच करवा रहे हैं। यदि गलत तरीके से एजुकेशन लोन और स्कूटी लोन निकाला है तो कार्रवाई की जाएगी।
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