क्षेत्र के ग्राम कारातला में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में शनिवार को श्रीराम और सीता विवाह का प्रसंग सुनाया। कथा स्थल पर राम विवाह की सजीव झांकी भी सजाई गई जो श्रद्धालुओं का मन मोह रही थी। श्रद्धालुओं ने भगवान राम और सीताजी की झांकी का पांव पखार कर पूजन किया।
कथा वाचक पं. शांतिकुमार मिश्रा ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए भगवान ने पृथ्वी पर अवतार लेकर कंस का वध किया। भगवान विष्णु ने राम अवतार लेते हैं और दुष्टों का संहार करते संसार में धर्म और सत्य की स्थापना की। उन्होंने कहा कि अगर हम बिना कर्म करे फल की प्राप्ति चाहेंगे तो वह कभी नहीं मिलेगा।
कर्म तो हमें करना ही होगा। कथा वाचक पं. शांति कुमार मिश्रा ने बताया कि जब भगवान राम ने जनकपुरी की प्रतिज्ञा अनुसार भगवान शिव के धनुष को तोड़ दिया तब सीता ने राम के गले में वरमाला डाल दी। राजा जनक ने अयोध्यापुरी राजा दशरथ को बरात लेकर आने का निमंत्रण दिया गया।
तब राजा दशरथ बारात लेकर जनकपुरी आए जहां पर राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चारों पुत्रों का विवाह संपन्न कराया जाता है। कथा में भगवान राम और सीता जी की सुंदर झांकी सजाई गई। जहां पर कथा आयोजन करता एवं ग्राम वासियों द्वारा भगवान राम जानकी के पैर पखारे और मंगल गीत गाए गए। भजनों की धुन पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने जमकर बधाई नृत्य किया। कथा सुनने के स्थानीय रहवासियों सहित बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोग पहुंच रहे हैं। कथा शाम 4 बजे से 7 बजे तक चल रही है।
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