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  • Director Of LWE Said – Number Of Mobile Towers Will Increase In Naxal Affected Areas Of Balaghat, Bridges And Culverts Will Be Built

कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समीक्षा बैठक:LWE के निदेशक ने कहा- बालाघाट के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ेगी मोबाइल टावरों की संख्या, बनेंगे पुल-पुलिया

बालाघाट10 महीने पहले
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बालाघाट कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में भारत सरकार एलडब्ल्यूई के निदेशक योगेश मोहन दीक्षित ने अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चल रहे और प्रस्तावित विकास कार्याों की समीक्षा की।

बैठक में पुलिस महा निरीक्षक संजय कुमार, कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ, हॉक फोर्स के कमांडेंट पुनीत गहलोत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेंद्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एंटी नक्सल ऑपरेशन आदित्य मिश्रा, वन मंडलाधिकारी ग्रजेश वरकड़े, पीएम ग्रामीण सड़क योजना ईकाई के महाप्रबंधक जेपी मेहरा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

2जी को 4जी टावर में बदला जाएगा

एलडब्ल्यूई के निदेशक दीक्षित ने कहा कि जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार, सड़क संपर्क व अन्य विकास कार्यों के जो प्रस्ताव तैयार किए गए हैं, उन्हें स्वीकृत किया जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मोबाइल टावर की संख्या बढ़ाई जाएगी और 2जी को 4जी टावर में बदला जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बीएसएनएल के 16 टू जी टावर है। इन टावरों को 4 जी में बदलने की जरूरत है। जिससे संचार सुविधा बेहतर होगी।

हाई लेवल ब्रिज और सड़कों के कार्य स्वीकृत

आरसीपीएलडब्ल्यूई के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क व पुल-पुलिया के जो कार्य पूर्व में स्वीकृत हुए हैं, उन्हें समय सीमा में पूर्ण कराने निर्देशित किया गया। बताया गया कि 11 हाई लेवल ब्रिज और 4 सड़कों के कार्य स्वीकृत किए गए थे। इनमें से 11 ब्रिज व 1 सड़क का कार्य पूर्ण हो गया है। आरसीपीएलडब्ल्यूई के अंतर्गत 33 सड़कों व 17 ब्रिज के कार्य प्रस्तावित हैं। इनमें से 241 किमी लंबाई की 28 सड़कों की निविदा प्रगति पर है। 3 सड़क व 17 ब्रिज की स्वीकृति प्रक्रिया में है।

समन्वय कर जमीन का होगा आवंटन: कलेक्टर

बैठक में कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने कहा कि आरसीपीएलडब्ल्यूई के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों के लिए वन विभाग से समन्वय स्थापित कर जमीन का तेजी से आवंटन किया जाएगा। जिससे इन कार्यों को तेजी से पूर्ण किया जा सकेगा। एसपी सौरभ ने बताया कि जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जहां पर भी निर्माण एजेंसी को सुरक्षा की जरूरत होती है, वहां सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।