बालाघाट में कोतवाली थाने में पदस्थ दो आरक्षकों द्वारा एक वारंटी से जमानत कराने के नाम पर तीन हजार रुपए की रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने दोनों आरक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया है।
थाना प्रभारी केएस गहलोत ने पुष्टि करते हुए बताया कि उक्त मामले में दो आरक्षकों को निलंबित किया गया है। जानकारी के अनुसार, आरक्षक मिथिलेश नर्रे और शरद यादव को मारपीट के मामले में गिरफ्तार स्थायी वारंटी हसन पिता मौसिब सिद्दीकी निवासी काली मंदिर, गंगाबाई रोड (गोंदिया) के परिजनों से दोनों आरक्षकों ने संपर्क कर हसन की वकील के माध्यम से जमानत कराने का आश्वासन दिया गया।
इसके लिए आरक्षकों ने परिजनों से तीन हजार रुपए की मांग की थी। परिजनों ने उक्त राशि दे दी, लेकिन जब वारंटी हसन को न्यायालय में पेश किया गया तब वहां उसका कोई अधिवक्ता पेश नहीं हुआ, जिसके कारण जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी और न्यायालय ने वारंटी हसन को जेल भेज दिया।
उक्त घटनाक्रम की जानकारी परिजनों ने कोतवाली पहुंचकर थाना प्रभारी केएस गहलोत को बताई। श्री गहलोत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले से पुलिस अधीक्षक व सीएसपी को अवगत कराया। एसपी तिवारी द्वारा तत्काल प्रभाव से दोनों आरक्षकों को निलंबित कर लाइन अटैच की कार्रवाई की गई।
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