जिले में दो बड़े संगठनों का विरोध प्रदर्शन व धरना प्रदर्शन चल रहा है। जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व बिजली कंपनी के आउट सोर्स कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। इनसे जुड़े काम प्रभावित हो रहे हैं। लोगों के काम अटके पड़े है। अगर यह हड़ताल लगातार जारी रहती है तो लोगों बड़ी समस्याओं का सामान करना पड़ेगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के कारण गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीके समय पर नहीं लग पाएंगे। वहीं बिजली कंपनी कर्मचारियों के कारण फाल्ट होने पर लाइन दुरुस्त नहीं हो पाएगी।
जिलाध्यक्ष ग्यारसी यादव व कोषाध्यक्ष शालिनी तोमर ने बताया मप्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ के बैनर तले हड़ताल की जा रही है। जिसके तहत जिलेभर से करीब 1500 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका हड़ताल में शामिल है। उन्होंने बताया हमारी हड़ताल 23 से 28 जनवरी तक जारी रहेगी। हड़ताल के कारण आंगनवाड़ियों में बच्चों काे मध्याह्न भोजन नहीं मिल पा रहा है। गर्भवती महिला व बच्चों को लगने वाले टीके नहीं लग पा रहे हैं।
बच्चों को एनआरसी में ले जाना, वृद्धि निगरानी जैसे महत्वपूर्ण काम नहीं हो पा रहे हैं। वहीं जिला अध्यक्ष हिम्मत सोराड़ा व सचिव राजेंद्र सिंह चौहान ने बताया जिले के करीब 560 आउटसोर्स व 90 संविदा कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में फाल्ट होने व अन्य समस्या पर बिजली गुल होने पर सुधारने का काम नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा बिजली बिल की वसूली, मीटर रीडिंग का काम भी अधूरा पड़ा हुआ।
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