आदिवासी संस्कृति बचाने व समाज के लोगों को उनका अधिकार बताने के लिए जिले में शनिवार को आदिवासी संस्कृति बचाओ यात्रा निकाली गई। यह यात्रा खाज्या नायक नगर ग्राम कुंजरी से शुरू हुई। 20 वाहन से समाज के 300 लोग इस यात्रा में शामिल हुए।
पानसेमल विधायक चंद्रभागा किराड़े ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। यात्रा नगर में पहुंचने पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर समाजजनों का स्वागत किया। आदिवासी मुक्ति संगठन के पदाधिकारियों ने यात्रा का उद्देश्य बताया।
कुंजरी से निकली यात्रा अलग-अलग गांवों में पहुंचकर आदिवासी संस्कृति बचाने का संदेश देगी। यात्रा में शामिल लोग रविवार को महाराष्ट्र के दाबदेव देवगोई जिला नंदूरबार पहुंचकर सम्मेलन शामिल होंगे। इसमें 4 राज्य से समाज के लोग सम्मिलित होंगे।
आदिवासी मुक्ति संगठन के महासचिव गजानंद ब्राह्मणे ने बताया आदिवासी समाज के रीति रिवाज, उनकी पहचान, अधिकार और जल जंगल जमीन के ऊपर आक्रमण हो चुका है। आदिवासी देश के अंदर सुरक्षित नहीं है, आदिवासी संस्कृति बचाना है। मानव सभ्यता का निर्माण करने के लिए प्रकृति ने पांच तत्व से जीव की उत्पत्ति की।
आदिवासी रीति रिवाज, बोली-भाषा, परंपरा, संस्कृति, इतिहास, ज्ञान, कला, जीवन-शैली, जीवन मूल्य, लोकशाही मूल्य, प्रकृति के सानिध्य, प्रकृति से उतना ही लेना जितना की आवश्यकता है। प्रकृति के प्रति संवेदना जगाने और पर्यावरण संतुलन स्थापित करने के उद्देश्य से यात्रा निकालकर समाज के लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
इस रैली में सभी लोग आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा, वाद यंत्र के साथ पांच धान टोपली(मोसकी) व महुआ दारू लेकर यात्रा शामिल हुए है। इस दौरान राजेश कनोज, धर्मवीर , विजय सोलंकी, पठान किराड़े, चिंटू किराड़े, अजय कनोजे, भकला किराड़े सहित जिले से आए समाजजन शामिल हुए।
सम्मेलन में समाजजनों को बताएंगे अधिकार
आदिवासी समाजजनों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए महाराष्ट्र के नंदूरबार जिलें मे स्थित दाबदेव देवगोई में रविवार को सम्मेलन आयोजित किया है। इसमें अलग-अलग राज्य में आदिवासियों को दिए जाने वाले सुविधाओं सहित उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। वहीं समाजजनों को धर्मांतरण सहित अन्य मुद्दों पर भी जागरूक किया जाएगा। इसके लिए जिले से 300 लोग इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।
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