सेंधवा विकासखंड से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मजदूरी के लिए पड़ोसी राज्यों में जाते हैं। इनमें से कुछ मजदूर प्रतिदिन महाराष्ट्र आना जाना करते हैं। निजी वाहनों में ओवरलोडिंग की जा रही है। वाहनों की छतों पर ग्रामीणों को बैठाया जा रहा है। ऐसे में किसी दिन बड़ा हादसा होने की आशंका है।
ग्रामीण क्षेत्र के लोग रोजगार के लिए महाराष्ट्र और गुजरात जाते हैं। इनमें अधिकांश तीन-चार महीने के लिए जाते हैं और वहीं रहकर काम करते हैं। कुछ ग्रामीण महाराष्ट्र के सीमावर्ती गांवों व शहरों में प्रतिदिन मजदूरी करने आते जाते हैं। सुबह 6बजे उठाकर मजदूरी करने निकल जाते हैं और शाम 7 बजे तक घर लौट आते हैं।
इस दौरान मजदूरी के लिए माल व जीप वाहनों में जान जोखिम में डालकर मजदूर रोज जाना व वापस आना करते हैं। माल वाहन व जीप में ठूस ठूस कर 30 से 50 तक अधिक मजदूर बैठाए जाते हैं। इनमें नाबालिग भी शामिल होते हैं। कई लोगों को छत पर बैठा लिया जाता है।
घाट क्षेत्र में उतरते समय होते रहते हैं हादसे
बिजासन घाट क्षेत्र में घाट उतरते समय भारी वाहनों के ब्रेक फेल होने व अन्य कारणों से हादसे होते रहते हैं। इनमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। हादसे रोकने के लिए सफेद पट्टी डालने के अलावा बेरिकेटिंग भी की गई है।
बिजासन घाट क्षेत्र से हर दिन गुजरते हैं 10 वाहन
बिजासन पुलिस चौकी के सामने से निकलते हैं किसी प्रकार की कोई रोक टोक नहीं है। पुलिस व प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
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