छोटी-छोटी बातों को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद इतना गहरा हो गया था की दोनों एक दूसरे से अलग रहने लगे थे। विवाह को शून्य घोषित करने के लिए केस भी दायर कर दिया था। शनिवार को आयोजित लोक अदालत में न्यायाधीशों की समझाइश और अधिवक्ताओं के सहयोग से पति-पत्नी के बीच सुलह हुई। दोनों ने विवाद भूलकर एक साथ रहने का निर्णय लिया।
इसके बाद एक दूसरे को माला पहनाई और खुशी से घर लौट गए। ग्राम भिलाई निवासी रेलकर्मी प्रहलाद का विवाह पांढुर्णा तहसील के ग्राम सिवनी निवासी स्वाती के साथ 13 जून 2019 को हुआ था। दोनों के बीच विवाह के दो महीने बाद ही विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। पति प्रहलाद ने 16 अगस्त 2019 को विवाह शून्य घोषित करने के लिए न्यायालय में केस दायर किया था। स्वाती ने भी पांढुर्णा न्यायालय में भरण पोषण का केस दर्ज कर दिया था।
8 फरवरी को पति-पत्नी के बीच आपसी सहमति से राजीनामा हो गया। इसके बाद दंपति एक बेटी के माता-पिता बन गए। कुछ महीने बाद पति-पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया। दोनों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। विवाद के चलते पत्नी मायके चली गई। प्रहलाद ने प्रथम अपर सत्र न्यायालय में तलाक का केस प्रस्तुत किया। 27 नवंबर 2021 और 12 मार्च 2022 को पेशी के दौरान आपसी सुलह की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद शनिवार को नेशनल लोक अदालत में न्यायाधीश शालिनी शर्मा की समझाइश और प्रहलाद के अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय, स्वाती की अधिवक्ता रूकमणी बोरबन के प्रयासों से पति-पत्नी ने बेटी के भविष्य को देखते हुए साथ रहने की सहमति जताई।
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