मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द करने के मामले का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने अस्थाई रूप से मान्यता बहाल की है। जिसके लिए मध्यप्रदेश नर्सेस रेजिस्ट्रेशन कॉउंसिल ने आदेश भी जारी किया है। इसी आदेश के अनुसार 93 नर्सिंग कॉलेजों में से 80 की मान्यता बहाल की गई है। नर्सिंग कॉलेज की मान्यता बहाल होने के बाद पूरे प्रदेश में राजनीति गरमा गई है। बैतूल जिले में भी इस विरोध का असर दिखाई दे रहा है। रविवार को कांग्रेस सेवा दल के मंडल अध्यक्ष अमन खान ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 15 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि शिवराज सरकार को दोबारा अस्थायी मान्यता देना पडा, नर्सिंग कालेज की मान्यता के पीछे मध्यप्रदेश में दोबारा बड़ा भ्रष्टाचार होने जा रहा है। नर्सिंग कालेज को अस्थायी मान्यता देना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
दरअसल नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द मामले में नर्सिंग काउंसिल ने कॉलेजों से जानकारी मंगवाई थी। जिसके बाद फिलहाल 93 नर्सिंग कॉलेजों में से 80 की अस्थाई रूप से मान्यता बहाल की गई है। ऐसा बताया जा रहा है कि नियमों का पालन और दस्तावेज जमा नहीं करने के कारण कार्रवाई की गई थी। श्री खान ने बताया कि नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े में उच्च न्यायालय ने भी सख्ती बरतते हुए अयोग्य रजिस्ट्रार सुनिता शिजू को निलंबित करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद सीएम शिवराज सिंह ने नियम विरुद्ध तरीके से नर्सिंग कॉलेजों को अस्थायी मान्यता दे दी।
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