बिजली के संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के बिजली वितरण व्यवस्था पूरी तरह से गड़बड़ा गई है। आलम यह बिजली लाइन अथवा ट्रांसफार्मर पर फाल्ट होने पर लोगों को खुद ही जान जोखिम में डालकर उसे सुधारना पड़ रहा है। जबकि बिजली कंपनी के अधिकारी इस समस्या को दूर करने में असफल साबित हो रहे हैं।
दरअसल बिजली कंपनी में सालों से स्थाई भर्तियां नहीं हुई है। कंपनी पूरी तरह से संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे हैं। ऐसे में इन कर्मचारियों के अचानक हड़ताल पर जाने के बाद संपूर्ण जिले में बिजली वितरण सिस्टम गड़बड़ा गया है। बताया जा रहा है कि जिले में स्थाई ऑपरेटर, लाइनमैन, हेल्पर स्टाफ में बमुश्किल से 200 लोग हैं।
जबकि संविदा के 150 और आउटसोर्स के करीब 750 कर्मचारी जिले की लाइनों और सबस्टेशनों को संभाले हुए है। वहीं अब इन कर्मचारियों के हड़ताल पर बैठ जाने के बाद लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। मात्र 200 कर्मचारी 15 से 18 घंटे की ड्यूटी करने के बाद भी हालात संभाल नहीं पा रहे हैं। स्थिति यह है कि बिजली लाइन में फाल्ट होने के बाद उपभोक्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है। बल्कि लाेगों को घंटों बिना उसे ठीक करने को बिजली के लिए हा-हाकार करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
वाटर वर्क्स, नबादा बाग सहित एक तिहाई शहर में रातभर गुल रही बिजली
मेहगांव से वाटर वर्क्स सबस्टेशन के लिए आने वाली 33 केवी लाइन में मंगलवार बुधवार की दरम्यानी रात करीब दो बजे एक बार फिर फाल्ट हो गया, जिससे इस सबस्टेशन से जुड़े वाटर वर्क्स, नबादा बाग, अटेर रोड, स्यावली और मुडियाखेड़ा फीडर से जुड़े इलाकों में अंधेरा पसर गया। वहीं बुधवार की सुबह 10.28 बजे इन इलाकों की बिजली सप्लाई बहाल हो सकी। इसके बाद दिन में भी आवाजाही का दौर चलता रहा।
बिजली संकट से गहराया पेयजल संकट
सर्दी के मौसम में बिजली के संकट से पेयजल का संकट भी गहरा रहा है। हाउसिंग कॉलोनी, वाटर वर्क्स, अरोरा फार्म, नबादा बाग, अटेर रोड सहित तमाम इलाकों में बुधवार की सुबह बिजली न होने के कारण लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ा। आलम यह था कि सुबह बारिश के दौर में लोग पीने के पानी के लिए हैंडपंप पर लाइन लगाने को मजबूर थे।
बंद हुए फॉल्ट होने पर जाने वाले वाहन
बताया जा रहा है कि जिले में संविदा और आउट सोर्स कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद ज्यादातर सबस्टेशनों पर चलने वाली एफओसी (फाल्ट ऑफ कॉल) की गाडियों के पहिए थम गए हैं। सिर्फ 11 और 33 केवी की एक एफओसी गाड़ी चल रही है, जो कि मात्र तीन कर्मचारियों के भरोसे हैं।
कॉलोनियों में कई घंटे से गुल बिजली
शहर की पॉश कॉलोनियाें में शुमार हाउसिंग कॉलोनी में पिछले 27 घंटे से ब्लैक आउट है। मंगलवार की दोपहर दो बजे केडीआर स्कूल के पास रखे बिजली ट्रांसफार्मर के डीओ टूट गए। स्थानीय निवासियों ने बिजली कंपनी में शिकायत की। लेकिन देर रात तक उनकी सुनवाई नहीं हुई। बुधवार की सुबह मोहल्लेवासियों ने खुद ही जान जोखिम में डालकर डीओ जोड़ने का फैसला किया और जोड़ भी लिया।
बावजूद उन्हें राहत नहीं मिली। पता चला कि आईटीआई सबस्टेशन से जुड़ा बेसली फीडर पर कोई फाल्ट है, जिससे सप्लाई रुकी है। वहीं बुधवार की शाम पांच बजे तक हाउसिंग कॉलोनी में बिजली सप्लाई ठप थी। 27 घंटे से अधिक का समय गुजर जाने की वजह से ज्यादातर घरों के इंवर्टर भी ठप हो चुके थे।
हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई करेंगे
हड़ताल पर गए आउटसोर्स कर्मचारियों पर हम कार्रवाई कर रहे हैं। हमने 70 कर्मचारियों को टर्मिनेट किया है। कुछ कर्मचारी वापस काम पर आ रहे हैं। स्थाई कर्मचारियों से व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
वीरेंद्र सिंह दांगी, जीएम, बिजली कंपनी
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