भिंड नगर पालिका में फर्जी एफडीआर जमा कर टेंडर हथियाने का एक नया कारनामा सामने आया। बीजेपी के पूर्व पार्षद एवं युवा मोर्चा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अजीत भदौरिया ने पिछले सालों में नगर पालिका से विकास कार्यों का टेंडर लेने को लेकर फर्जी एफडीआर जमा की थी। इन विकास कार्यों को समय सीमा में पूरा न करने पर जब नगरपालिका ने जमा धनराशि को जब्त करना चाहा तो ये मामले का खुलासा हुआ था। इस मामले में नगर पालिका सीएमओ वीरेंद्र तिवारी ने तिरुपति एसोसिएट के कर्ताधर्ता के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई।
भिंड शहर के सुभाष नगर में रहने वाले पूर्व पार्षद अजीत भदौरिया (बीजेपी से निष्कासित) ने नगर पालिका से वर्ष 2019 से 21 इस तक शहर के अंदर समुदायिक भवन सड़क निर्माण नाली निर्माण समेत एक करोड़ से अधिक का विकास कार्य किए जाने का टेंडर लिया था। इन विकास कार्यों को पूरा किए जाने के दौरान शर्त के मुताबिक 17 लाख से अधिक की एफडीआर भी जमा कराई गई थी। जब इन विकास कार्यों को बीजेपी से निष्कासित नेता द्वारा पूरे नहीं किए गए। इस मामले पर पिछले दिनों नगर पालिका की ओर से नोटिस भी जारी किए जाते रहे। परंतु ठेकेदार की ओर से नगरपालिका को कोई रिस्पांस नहीं दिया गया। ठेकेदार की उदासीनता को लेकर नगर पालिका सीएमओ द्वारा टेंडर के दौरान जमा की गई एफडीआर की राशि 17 लाख जब्त कर बैंक को राशि राजसात कर पत्र लिखा गया था।
नगर पालिका द्वारा बैंक को लिखे गए पत्र के आधार पर बैंक की ओर से यह एफडीआर को फर्जी होना बताया गया। यह मामला संज्ञान में आते ही नगर पालिका में हड़कंप मच गई। इस पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर डॉक्टर सतीश कुमार को पता चली तो उन्होंने नगर पालिका सीएमओ वीरेंद्र तिवारी को ठेकेदार एवं बीजेपी के निष्कासित नेता पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए निर्देशित किया। भिंड नगर पालिका सीएमओ ने कोतवाली थाने में पहुंचकर फर्जी फर्जी एफडीआर जमा करने के षड्यंत्र में ठेकेदार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई। कोतवाली थाना पुलिस ने पूरे मामले में आरोपी पूर्व पार्षद को बनाते हुए मामले की विवेचना शुरू कर दी।
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