अटल प्रोग्रेस-वे अब जिले के 27 गांव से नहीं बल्कि 35 गांव से गुजरेगा। साथ ही जिले से गुजरने वाले हाईवे की लंबाई भी 6 किलोमीटर बढ़ जाएगी। नए अलाइनमेंट का कार्य जोरों पर चल रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस महीने के अंत तक यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरु की जाएगी। बता दें कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की आपत्ति के बाद भूतल परिवहन मंत्रालय ने अटल प्रोग्रेस-वे का पुराना अलाइनमेंट बदल दिया गया है।
पहले यह हाईवे चंबल नदी किनारे बीहड़ से निकल रहा था। तब इस हाईवे से 27 गांव जुड़ रहे थे। साथ ही जिले से निकलने वाले प्रोग्रेस-वे की लंबाई 47 किलोमीटर थी। लेकिन अब इसे चंबल सेंचुरी क्षेत्र से दूर निकाला जा रहा है। इसके तहत अब यह प्रोग्रेस-वे भिंड के लिए 35 गांव से गुजरेगा। हालांकि शुरुआती दौर में बताया गया था कि यह हाईवे जिले के 41 गांव से गुजरना बताया गया था। लेकिन अब जब अलाइनमेंट का कार्य लगभग फाइनल स्टेज पर है। ऐसे में अब यह प्रोग्रेस-वे 35 गांव से निकलना बताया जा रहा है। यह अलाइनमेंट का कार्य इस महीने में पूर्ण हो जाएगा।
दिसंबर महीने में होगा सर्वे नंबर का प्रकाशन फिर अधिग्रहण की कार्रवाई
अटेर और भिंड एसडीएम उदय सिंह सिकरवार ने बताया कि अटल प्रोग्रेस-वे के अलाइनमेंट सर्वे का कार्य चल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के अंत तक सर्वे का कार्य पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद जमीन के सर्वे नंबर को चिह्नित कर ट्रिपल ए की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि जमीन अधिग्रहण में जमीन के बदले जमीन और जमीन के बदले मुआवजा राशि दोनों का प्रावधान रहेगा।
जिने के इन गांव से गुजरेगा अटल प्रोग्रेस-वे
बताया जा रहा है कि यह प्रोग्रेस-वे अटेर के उदोतगढ़, रोहिंदा, कनेरा, बूड़नपुरा, शुक्लपुरा, खड़ेरी, गढेर, चौम्हाे, तरसोखर, खरिका, बलारपुरा, जम्होरा, प्रतापपुरा, तोर का पुरा, जलपुरी, रिदोली, कारे का पुरा, जौरी कोतवाल, छिडियापुरा, सुरपुरा, कल्याणपुरा, अद्धुर्जपुरा, दतावली, दुल्हागन, मधैयापुरा, गजना, सकराया, मटघेना, फूपकलां, भदाकुर, फूफखुर्द, जवई, खुआवली, सराया और ज्ञानपुरा गांव से गुजरेगा। वहीं इस गांवों की संख्या बढ़ने के बाद जिले में इस प्रोग्रेस-वे की लंबाई भी 47 किलोमीटर से बढ़कर 53 किलोमीटर हो जाएगी।
233.62 जमीन दे दी गई थी एनएच को
भारत माला प्रोजेक्ट के तहत छह हजार करोड़ रुपए की लागत बनने वाले इस अटल प्रोग्रेस-वे में पहले भिंड जिले में 536 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहित किया जाना था, जिसमें से 233.62 हैक्टेयर जमीन सरकारी थी, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दी गई थी। जबकि 177.68 हैक्टेयर जमीन वन विभाग और 115 हैक्टेयर जमीन किसानों की थी। किसानों की जमीन अधिग्रहित किए जाने की कार्रवाई चल रही है। लेकिन अचानक इसके अलाइनमेंट में फेरबदल के बाद बाद एक बार फिर से जमीन का चिंहाकिंत किया जाएगा। पहले इस प्रोग्रेस-वे में 1400 किसानों की निजी भूमि प्रभावित हो रही थी। जबकि अब नए सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद पता चलेगा कि अब कितने किसान इस प्रोग्रेस-वे से प्रभावित होंगे। चूंकि इस बार गांवों की संख्या बढ़ी है, जिससे प्रभावित किसानों की संख्या बढ़ने की भी उम्मीद है।
कलेक्टर बोले- प्रोग्रेस वे के निर्माण संबंधी काम समय सीमा में पूरे करें
शुक्रवार को कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने अटल प्रोग्रेस-वे को लेकर अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें प्रोग्रेस-वे अलाइनमेंट सर्वे सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही अफसरों को निर्देश दिए कि वे प्रोग्रेस-वे के निर्माण संबंधी कार्य को समय सीमा में पूर्ण करें। इस अवसर पर भिंड, अटेर एसडीएम उदय सिंह सिकरवार सहित अन्य अफसर व राजस्व अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
माह के अंत तक पूरा हाेगा सर्वे
"अटल प्रोग्रेस-वे जिले के 35 गांव से गुजरेगा। नए अलाइनमेंट सर्वे का कार्य चल रहा है, जो कि इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। शुक्रवार को इस संबंध में कलेक्टर साहब ने बैठक ली थी, जिसमें समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के लिए कहा है।"
- उदय सिंह सिकरवार, एसडीएम, भिंड- अटेर
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