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छज्जू बरखेड़ा तालाब 10 साल के लिए मछली पालन के लिए समिति को दिया था लेकिन समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सदस्यों के बीच चल रहे विवाद के बाद उसे भंग करवाने समिति सदस्य मत्स्य विभाग पहुंच गए जहां सदस्यों ने समिति को भंग किए जाने की मांग रखते हुए हंगामा किया और अध्यक्ष द्वारा अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने के आरोप भी लगाए। एक महिला सदस्य हाथ में चप्पल लेकर अधिकारी के दफ्तर में पहुंच गई। जहां अन्य सदस्यों की समझाइश के बाद महिला ने चप्पल को जमीन पर फेंक दिया। दरअसल, केवट राज मछुआ सहकारी समिति को बरखेड़ा छज्जू तालाब 10 साल के लिए 61 सदस्यों की बनी समिति को दिया था। जहां उनको मस्त्य पालन करना था। खजुरिया कला से आए समिति सदस्य काशीराम केवट ने बताया कि संस्था अध्यक्ष भूरा केवट और उपाध्यक्ष विनोद केवट बिहार राज्य के मछुआरों से हरी चट्टी जाल से रात में सुखवान व बड़ी मछली निकलवा कर बेच रहा है। इस संबंध में शिकायत की तो समिति के सदस्यों को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने हटा दिया। समिति अध्यक्ष भूरा केवट ने बताया कि गलत आरोप लगा रहे हैं, जो लोग सोसायटी के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं वे हंगामा कर रहे हैं। सदस्य अगर काम नहीं करेंगे तो अनुमति से किसी से भी काम करवा सकते हैं।
रिश्वत देने के आरोप लगाए
कलेक्टोरेट में हंगामा कर रही पुष्पा बाई ने कहा ये फर्जी अध्यक्ष बना है। हम गरीब हैं, अंदर बैठे लोगों को रिश्वत दे रहा है। दो रोटी सुख से नहीं खाने दे रहा। गुना के लोगों से मछलियां पकड़वा रहा है।
^तालाब का पट्टा समिति के लिए होता है। समिति का अध्यक्ष संचालक मंडल के सहयोग से एवं समय समय पर समिति के सहयोग से कार्य करता है। इस समिति को 10 साल अनुबंध की शर्तों पर पट्टा दिया है। 35 सदस्य अपना कथन देने आए थे। इस शिकायत के संबंध में निराकरण करेंगे।
संजय नामदार, मत्स्य निरीक्षक
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