कोरोना से मरने वाले लोगों के आंकड़ों में स्वास्थ्य विभाग सुधार करने को तैयार नहीं है। कई बार आवाज उठाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग पिछले 1 साल में अब तक सिर्फ 26 लोगों की कोरोना से मौत मान रहा है। हकीकत जानने के लिए भास्कर में शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायत और राजस्व सिर्फ चार विभागों से जानकारी जुटाई तो 32 कर्मचारियों की मौत कोरोना से होने की बात सामने आई। विभागीय अधिकारियों ने मृत कर्मचारियों को कोरोना से मौत होना मानते हुए विभागीय स्तर पर इसकी एंट्री भी कर ली है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने अब भी इनमें से कई कर्मचारियों की अब तक कोरोना से मौत होने की पुष्टि नहीं की। सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा नुकसान शिक्षा विभाग को हुआ।
शिक्षकों से लेकर बाबू व अन्य पदों पर पदस्थ शिक्षा विभाग के 26 कर्मचारियों की विभाग ने कोरोना से मौत होना मानी। इसके अलावा जिले के 2 पटवारी, 1 रोजगार सहायक सहित स्वास्थ्य विभाग के 3 कर्मचारियों की मौत कोरोना के चलते हो चुकी है। इन आंकड़ों को ही जोड़ा जाए तो भी मौत का आंकड़ा 32 पर पहुंच गया।
चार सरकारी विभागों ने बताई स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की हकीकत
1. शिक्षा विभाग: 24 शिक्षक एवं 2 भृत्य की मौत, 21 को दी राशि
2. भू-अभिलेख: अब तक दो पटवारियों की मौत
3. जिपं: रोजगार सहायक की मौत, मानेंगे योद्धा
4. स्वास्थ्य विभाग : नेत्र सहायक, एकाउंटेंट सहित डीसीएम की मौत
रिकॉर्ड में अब तक सिर्फ इनकी कोरोना से मौत दर्ज
मोनिका अरोरा, रंजना विश्वकर्मा, शिवानी साहू, शीलचंद जैन, ब्रज नारायण बोहरे, गौरव जैन, नीलेश जैन, रामचंद गोस्वामी, अर्जुन सिंह रघुवंशी, किशन जादो, सुनीता जैन, डॉ. रमेश जैन, सुगचंद जैन, मजबूत सिंह, महेश अग्रवाल, अमोल सिंह धाकड़, राजेश अग्रवाल, त्रिशला देवी जैन, विद्यादेवी सोनी, रामकली देवी सुराना, मौसम खान, शैलेन्द्र जैन, चमेली देवी बड़कुल, संजीव रघुवंशी, मुनीश खान, शांति देवी की मौत कोरोना से होना मानी है।
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