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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि अब सरकार ऐसी गोशालाओं को बनाने पर जोर दे रही है जो न केवल अपना खर्च खुद उठा सकें बल्कि रोजगार भी पैदा करें। शनिवार को आरोन ब्लॉक के खामखेड़ा में 1.50 करोड़ की लागत वाली गोशाला के भूमिपूजन के मौके पर उन्होंने यह बात कही। इस गोशाला की क्षमता डेढ़ हजार मवेशियों की रहेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की बड़ी गोशालाओं से जैविक खाद, गो काष्ठ, गो-मूत्र, अगरबत्ती-धूपबत्ती आदि से जुड़े छोटे कारोबार जोड़े जाएंगे।
इससे गोशालाओं का खर्च निकाला जा सकेगा। साथ ही इन कारोबार के माध्यम से लोगों को रोजगार मिलेगा और गांव में आत्मनिर्भरता की स्थिति बनने लगेगी। उन्होंने कहा कि अकेले जैविक खाद से ही गांवों में बड़ा फर्क आ सकता है। इससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी। कृषि लागत में गिरावट के साथ जमीन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। इस कार्यक्रम में विधायक गोपीलाल जाटव, भाजपा जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिकरवार, शैलेंद्र लुंबा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
ग्रामसभाओं की वीडियो मॉनिटरिंग होगी : मंत्रीजी ने कहा कि अगले 2 माह के दौरान प्रदेशभर में ग्रामसभाओं का आयोजन होगा। इनकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निगरानी होगी। ग्रामसभाओं काे पारदर्शी व गांव के लोगों का सशक्त मंच बनाने की कोशिश के तहत यह काम किया जा रहा है। अगले माह आरोन डाक बंगले में समस्या निवारण शिविर आयोजित कर समस्याएं सुनी जाएंगी।
फसलों के सर्वे के लिए मंत्री-विधायकों के आने का इंतजार न करें
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान पर तुरंत सर्वे कराया जाए। इसके लिए मंत्री या विधायक के आने का इंतजार न करें। उन्होंने कहा कि हाल ही में पाले से फसलें प्रभावित हुईं। इसके बावजूद सर्वे शुरू नहीं किया गया। यह लापरवाही है। उन्होंने कहा कि 4 दिन में सर्वे कराकर उसकी रिपोर्ट उन्हें व विधायक को भेजी जाए।
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