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फॉरेस्ट की जमीन को लेकर ग्राम सचिव पर हमला:दो दिन पहले ही जमीन पर शुरू हुआ प्लांटेशन, नाराज बंजारा समुदाय के लोगों ने सचिव की दुकान में लगा दी आग, पत्नी और भाई से भी की मारपीट

गुना2 वर्ष पहले
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सचिव की दुकान में लगायी गयी आग - Dainik Bhaskar
सचिव की दुकान में लगायी गयी आग

गुना। जिले के बमोरी क्षेत्र में फारेस्ट की जमीन को लेकर निरंतर विवाद सामने आ रहे हैं। बुधवार देर रात को फारेस्ट की जमीन पर पौधारोपण को लेकर 20-25 लोगों ने ग्राम पंचायत के सचिव के घर पर हमला बोल दिया। उन्होंने ग्राम सचिव के साथ मारपीट की। इसके बाद गुस्साए लोगों ने गांव की एक दुकान में आग लगा दी। इससे दुकान में रखा सामन जलकर ख़ाक हो गया।

फतेहगढ़ के बीलखेड़ा गांव के सहायक सचिव प्रेम नारायण बंजारा ने बताया की मामला फारेस्ट की जमीन को लेकर हुआ है। दो दिन पहले ही ग्रामीणों के साथ पंचायत मंत्री से मुलाकात की थी। इसके बाद फारेस्ट की इस जमीन पर पौधारोपण शुरू करने की बात हुई थी। इसके बाद वहां प्लांटेशन शुरू करा दिया गया था। इसी बात से नाराज होकर बंजारा समुदाय के लोगों ने हमला कर दिया।

बुधवार रात 8 बजे के आसपास बंजारा समुदाय के 20-25 लोग इकट्ठे होकर सचिव के घर पहुंचे और मारपीट करना शुरू कर दिया। इस दौरान बीच बचाव करने आये सचिव के भाई को भी मारा। साथ ही पत्नी के साथ भी मारपीट की। इसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मारपीट के अलावा घर में तोड़फोड़ भी की। इसके बाद वे सभी गांव में ही स्थित सचिव की दुकान में पहुंचे और उसमे आग लगा दी। इसमें दुकान में रखा सामन जलकर ख़ाक हो गया।

फतेहगढ़ थाना प्रभारी गोपाल चौबे ने बताया की विवाद की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची। वहां सचिव के घर के लोग घायल मिले, उन्हें पुलिस ने अस्पताल भिजवाया। अभी एक पक्ष के लोग ही वहां मिले थे। दूसरे पक्ष के लोग वहां से चले गए हैं। पुलिस की दोबारा गाडी भेजी गयी है। नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।

हजारों एकड़ के जंगल हो गए साफ़
बीते एक वर्ष में बमोरी इलाके में लगभग 3 हजार हेक्टेयर के जंगल साफ़ कर दिए गए हैं। प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष यह निर्देश दिए थे की जो आदिवासी समुदाय के लोग कई वर्षों से जमीन पर हैं, उन्हें वहां मालिकाना हक़ दिया जाये। इसके बाद गफलत के कारण लोगों ने जंगल की अंधाधुन्द कटाई शुरू कर दी। सरकार के निर्देश लोगों तक सही तरीके से न पहुँचने के कारण 2 महीने में ही हजारों एकड़ जंगल की सफाई कर दी गयी थी।

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