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खराब मानसून सीजन की वजह से इस बार जल संकट गहरा सकता है, हालांकि नपा का दावा है कि ऐसी स्थिति नहीं बनने देंगे, लेकिन अभी से ही कई क्षेत्रों में नल न आने की शिकायतें सामने आने लगी हैं। कुछ कालोनी के लोग तो जनसुनवाई तक में यह समस्या लेकर पहुंच गए। इस मामले को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने गंभीरता से लिया और नपा सीएमओ तेज सिंह यादव से कहा कि इसे देखें। जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या सामने आ रही है, वहां पर इंतजाम किए जा रहे हैं। वहीं लोगों से अपील भी की जाएगी कि वह पानी की बर्बादी न करें। 2020 के खराब मानसून सीजन से इस बार सिंध में पानी नहीं बचा है। अब पानी की सप्लाई एक बार फिर ट्यूबवेल पर निर्भर हो गई है। इसके अलावा पानी की सप्लाई में भी कटौती की गई है, ताकि पानी बचाने के साथ-साथ सभी को को जलापूर्ति की जा सके। शहर भर के विभिन्न इलाके में 22 ट्यूबवैल जल स्तर गिरने की वजह से बंद हो गए हैं।
22 ट्यूबवैल जल स्तर गिरने से बंद हुए : शहर में जल स्तर लगातार गिर रहा है। 22 ट्यूबवैल जल स्तर गिरने से बंद हो गए हैं। इस वजह कई कालोनी, मोहल्ले में पानी का प्रेशर कम आ रहा है। वहीं सिंध भी सूख गई है। नपा अधिकारी का कहना है कि जल संकट की यह शुरुआत है।
412 ट्यूबवेल के जरिए पूरी गर्मी निकालनी है
शहर भर में 412 ट्यूबवेल के भरोसे पूरी गर्मी निकालनी है। हालांकि जल स्तर गिरने से और भी ट्यूबवेल बंद हो सकते हैं। वहीं लगातार गिरते जल स्तर की वजह से पानी का प्रेशर भी कई जगह कम आ रहा है। इससे कई घंटे मोटर चलती है और वह जल भी जाती हैं।
पाइप लाइन बढ़ाई जाएगी
अमृत योजना के तहत 184 किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। नई पाइप लाइन पर 14.37 करोड़ रुपए लागत आई है। इससे पहले जल आवर्धन योजना के तहत 72 किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई गई थी। नई पाइप लाइन से गोकुल सिंह चक से लेकर नानाखेड़ी, भगतसिंह कालोनी जैसे दूर वाले इलाके में भी पानी की सप्लाई हो सकेगी।
2011 में एनीकट बना, गेट न लगने से समस्या
एनीकट की जलभराव क्षमता का पूरा इस्तेमाल न होने से भी जलसंकट के हालात बन रहे हैं। 2011 में एनीकट बनकर तैयार हुआ था और 10 साल बाद भी इसमें गेट नहीं लग पाए, इस वजह से 8 की जगह 3 मीटर पानी रुक पाया था। गेट लग जाते तो ऐसे हालात नहीं बनते।
हालात क्यों... औसत से कम बारिश
इस साल औसत से कम बारिश होने की वजह से जल संकट के हालात बन सकते हैं। गत वर्ष जल संकट जैसे हालात नहीं बने थे, क्योंकि बारिश अच्छी हुई थी। लेकिन इस साल बारिश कम होने से यह स्थिति बनी है।
चारों हिस्सों की टंकियां भरी जाएगी
जनसुनवाई में जल संकट की शिकायत पहुंचने के बाद नगर पालिका भी तैयारी में जुट गई। सीएमओ तेज सिंह यादव का कहना है कि 30 नए खनन करवाएं। ताकि शहर के चारों हिस्से में मौजूद टंकियों को भरा जा सके।
शहर के इन क्षेत्रों में समस्या जनसुनवाई में पहुंचे लोग
शहर की जगदीश कालोनी बीजेपी कार्यालय के पास वाली गली में मंगलवार को नल नहीं आए, पानी की सप्लाई बनी रहे, इसे लेकर दूसरी पाइप लाइन से कनेक्शन गली में जोड़ा गया। वहीं नयापुरा के कुछ क्षेत्र में जलस्तर गिरने से कई घरों में नल नहीं आए तो उन्होंने दूसरी पाइप लाइन से कनेक्शन लिया, जब जलापूर्ति हो सकी। वहीं श्रीराम कालोनी गोड़ बाबा गली क्षेत्र के लोग तो जनसुनवाई में पहुंच गए कलेक्टर के सामने अपनी बात रखी और कहा कि नल नहीं आ रहे हैं। इसी तरह विंध्याचल कालोनी के कृष्णपुरम के लोग भी पहुंचे, उन्होंने नलकूप खनन की बात रखी।
पानी बचाएं बर्बादी न करें
सीएमओ तेज सिंह यादव का कहना है कि पानी बचाने और इसी बर्बादी रोकने के लिए जागरूकता फैलाई जाएगी, उन्होंने शहर वासियों से अपील कि है पानी को वेवजह बर्बाद न करें, क्योंकि बूंद-बूंद कीमती है। वहीं जल प्रकोष्ठ प्रभारी जीके अग्रवाल ने कहा कि नलों से पानी न बहे, इसलिए टोंटी लगाएं। वहीं वार्डों में जल सप्लाई कार्य में लगे अमले से भी कहा है कि वह लोगों को जागरुक करें, लोगों से कहें कि पानी की बर्बादी न होने दें, व दुरुपयोग न करेें।
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